रीट पर रोक की मांग, रीट को लेकर अब सुनवाई 8 को होगी

जोधपुर, राजस्थान हाईकोर्ट में अब रीट परीक्षा को लेकर रोक की मांग की गई है। इसको लेकर याचिका लगाई गई है। जिस पर आगामी 8 फरवरी को सुनवाई होगी। राज्य सरकार की तरफ से 32 हजार शिक्षकों की भर्ती को लेकर 9 फरवरी को ही आवेदन मांगे गए हैं। इसको लेक युवा पेशोपेश की स्थिति में हैं। पेपर लीक में एसओजी की जांच, भर्ती प्रक्रिया और अदालत में सुनवाई के बीच शिक्षक की नौकरी का सपना देख रहे लाखों युवा पशोपेश में हैं। रीट के रद्द होने या फिर भर्ती लटकने की आशंका है।

सीबीआई जांच को लेकर याचिका

रीट भर्ती प्रक्रिया को रद्दकर सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता भागचंद शर्मा राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच पहुंचे हैं। अलग-अलग मांग को लेकर इस सिलसिले में अब तक तीन याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। जस्टिस महेंद्र गोयल की खंडपीठ अब 8 फरवरी को इन सभी पर एक साथ सुनवाई करेगी। भागचंद ने कहा कि एसओजी ने रीट पेपर लीक माना है। इसके बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली समेत आला अधिकारियों को बर्खास्त किया। ऐसे में भर्ती परीक्षा भी रद्द की जानी चाहिए। साथ ही इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। तभी प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकेगा।

दो याचिकाओं में भर्ती प्रक्रिया पर रोक की मांग

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि राज्य सरकार की जांच एजेंसी एसओजी खुद मान चुकी है कि पेपर शिक्षा संकुल से चोरी हुआ था। पेपर करोड़ों रुपए में बेचा गया था। ऐसे में भर्ती परीक्षा को रद्द करना चाहिए और जांच पूरी होने तक नियुक्ति प्रक्रिया पर भी रोक लगानी चाहिए। क्योंकि अगर नियुक्ति प्रक्रिया को नहीं रोका गया तो परीक्षा में अपात्रों को नियुक्ति मिल जाएगी और योग्य अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे।

भर्ती परीक्षा रद्द न करने की अपील

दूसरी तरफ हाईकोर्ट में अमरचंद मीणा और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कोर्ट पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हंसराज निम्बड़ ने बताया कि लेवल प्रथम का पेपर लीक नहीं हुआ था। एसओजी ने भी यह माना है कि पेपर लेवल-2 का ही लीक हुआ है। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द नहीं करने के साथ-साथ लेवल 1 की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जाए।

16 लाख अभ्यार्थियों को इंतजार

पेपर लीक प्रकरण पर होने वाली सुनवाई से पहले हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने अदालत में जवाब पेश किया है। इसमें राज्य सरकार ने माना कि पेपर भले ही परीक्षा से पहले बाहर आ गया था, लेकिन इसे लीक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। दूसरी ओर स्ह्रत्र ने अपनी जांच में पेपर को लीक मान रही है। ऐसे में अब इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को 8 फरवरी का इंतजार है।

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