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जोधपुर, साइबर अपराध के बढ़ते मामलों में कमिश्ररेट पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। ठग ने देश भर में कई अलग-अलग जगहों में रहते हुए लोगों को बैंक अधिकारी बनकर लाखों का चूना लगाया है। आखिरकार सूरसागर पुलिस गहन तफ्तीश व पड़ताल के बाद पश्चिमी बंगाल से गिरफ्तार कर जोधपुर लाई है।

अब उससे कड़ी पूछताछ कर कई वारदातों के बारे में पता लगाया जा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि उसने एक कैंसर पीड़ित वृद्ध के नाम से भी फर्जी सिम कार्ड उठाकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस अब इसमें कड़ी से कड़ी जोड़ऩे का जतन कर रही है।
पुलिस उपायुक्त पश्चिम आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि सूरसागर थाने में 21 जनवरी को अभिषेक चौहान नाम के एक शख्स ने रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया गया था कि उसके मोबाइल पर किसी शख्स का फोन आया और खुद को एसबीआई हैडऑफिस से बोलना बताकर क्रेडिट कार्ड के लिमिट बढ़ाने के नाम पर उसके खाते से 68 हजार 149 रूपए निकाल लिए।

इस पर पुलिस की तरफ से आईटी एक्ट में केस दर्ज करते हुए एसीपी प्रतापनगर नीरज शर्मा के सुपरविजन में गठित टीम में थानाधिकारी प्रदीप शर्मा, कांस्टेबल सुरेश, राजेंद्र एवं चैनाराम के साथ उपायुक्त कार्यालय के कांस्टेबल जसवंत को शामिल किया गया। इस टीम ने अलग अलग जाकर मोबाइलों की कॉल डिटेल के साथ पता लगाया तो मालूम हुआ कि एक नंबर से उठाई गई सिम किसी वृद्ध कैंसर पीडि़त की है, जबकि एक अन्य सिम किसी महिला की है। मगर उस पर फोटो किसी अन्य महिला की आ रही है। सिमेंं फर्जीवाड़ा कर उठाई गई थी।

पुलिस की टीमों ने साइबर एक्सपर्ट की मदद से आखिरकार पता किया सिमें मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित गुना से काम में ली गई। मगर यहां पर उक्त सिमोंं के बारे में जानकारी हो गई थी। तब शातिर को पकड़ऩे के लिए पुलिस फर्जीवाड़े का पता लगाते हुए शातिर साइबर ठग पश्चिमी बंगाल के हुबली हाल बिंदापुरा नई दिल्ली के रहने वाले हितेश पुत्र प्रभाष बेरा को हिरासत में लिया।

देश भर में अलग अलग स्थानों पर रहा
पुलिस पूछताछ में पता लगा कि अभियुक्त हितेश पश्चिम बंगाल के साथ उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, एमपी के अलावा कई और जगहों पर भी रहा। इन जगहों पर रहकर फर्जी सिमें उठाता और लोगों की फोटो को फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी करता था। लोगों के नाम से उठाई सिमों से फिर बैंक का कर्मचारी, कभी अधिकारी बनकर कॉल करता और क्रेडिट, डेबिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के साथ एटीएम या बैंकों से संबंधित जानकारी जुटाकर ऑनलाइन फ्रॉड करता है। सूरसागर पुलिस अब अभियुक्त से पड़ताल में जुटी है।

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