कांग्रेस मानवीय संवेदनाओं के अभाव वाली पार्टी- शेखावत

शेखावत की मीडिया से अनौपचारिक बातचीत

फलौदी, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस को मानवीय संवेदनाओं के अभाव वाली पार्टी करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में व्यक्तिगत प्रसिद्धि की जो लालसा है, वो संवेदनाओं से ऊपर उठ जाती है। केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को फालोदी में जनसुनवाई के बाद मीडिया से रूबरू हुए। मीडिया ने उनसे अलवर में वृद्ध मरीज के पेशाब की थैली हाथ में पकड़ कर पैदल जाने और राज्य के मंत्री टीकाराम जूली के पीपीई किट स्ट्रेचर पर रखने पर प्रतिक्रिया पूछी, जिस पर शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों को भी मानवीय संवेदनाओं का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कालखंड में भी हमने देखा कि किस तरह कांग्रेस नेताओं ने राहत सामग्री बांटने में भी तुष्टीकरण किया। दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ता घर-घर तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने तंज कसा कि कभी कोई महिला शौचालय में जा रहा है तो कोई पीपीई किट को स्ट्रेचर पर रखकर भेज रहा है। वैसे इस प्रश्न का उत्तर तो वही दे सकते हैं। क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग विकास के कार्यों को गिनते नहीं हैं, जितना हो सके, उससे ज्यादा करना चाहिए, इस प्रयास के साथ में काम करते हैं। गिनना और गिनाना, दोनों कांग्रेस की संस्कृति है। जहां तक विकास कार्यों का विषय है, पिछले पांच साल में सामान्य मानवी जीवन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने अनेक योजनाएं बनाई हैं। हर घर तक बिजली, गैस का चूल्हा ( जोधपुर में 1 लाख के आसपास गैस कनेक्शन दिए गए), शौचालय (राजस्थान में एक भी घर ऐसा नहीं है, जहां शौचालय न हो), गांवों में सड़कें (सबसे ज्यादा काम राजस्थान में हुआ) जैसे अनेक जनहित के काम हुए हैं। इस बार हम पीने का पानी हर घर तक पहुंचे, इस लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन जल जीवन मिशन योजना पर देश में काम करना प्रारंभ किया गया था, उस दिन कवरेज 16 प्रतिशत था, आज सवा साल में वो 35 प्रतिशत हो गया है। रोजाना 2 लाख नए कनेक्शन देकर एक नई ऐतिहासिक गति के साथ हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें ठीक से काम करें तो साल 2024 तक हम हर घर तक पानी पहुंचा देंगे। पेट्रोल की कीमतें पर शेखावत ने कहा कि केंद्र सरकार कीमत तय नहीं करती। ये पिछले डेढ़ दशक से मार्केट से लिंक है, लेकिन राज्य सरकारें ज्यादा टैक्स लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब जीएसटी आ रहा था, तब राज्य सरकारों ने आग्रह किया कि डीजल-पेट्रोल को इससे बाहर रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह हमारे लिए आय का साधन है। उन्होंने कहा कि राजस्थान समेत कुछ राज्यों ने टैक्स में कुछ राहत दी है। हालांकि, वो नाकाफी है। मुझे लगता है कि राज्यों को टैक्स ढांचे में बदलाव करके कीमतों में कमी करनी चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिले। पाक विस्थापितों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने जिला कलक्टर को निर्देश दिया कि जब तक कोई वैक्लपिक व्यवस्था नहीं होती, तब तक किसी का भी आशियाना उजाड़ा नहीं जाना चाहिए। उन्हें रहने की जगह मिलनी चाहिए।

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