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शिलान्यास के नाम पर कांग्रेस ने किया कार्यकर्ता सम्मेलन-गहलोत

  • जोधपुर लिफ्ट परियोजना के तृतीय चरण का शिलान्यास समारोह
  • कांग्रेस सरकार पर लिफ्ट कैनाल परियोजना में कोई कार्य नहीं कर जनता को गुमराह करने का आरोप

जोधपुर,भारतीय जनता पार्टी जोधपुर शहर जिला द्वारा राज्य सरकार की नाकामीयों को उजागर करने और हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा नेताओं पर आरोप लगाने व भाजपा द्वारा आमजन के हितों की जनकल्याणकारी योजनाओं का शिलान्यास कर कांग्रेस अपनी वाहावाही लूटने का जो कृत्य किया है उसका जवाब देने के लिये राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत,जिलाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी ने प्रेसवार्ता आयोजित कर गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने लिफ्ट केनाल के सही तथ्यों को छुपाते हुए गलत जानकारी देकर आमजन को भ्रमित करने का काम किया है। इस दौरान जिला महामंत्री डा.करणीसिंह खीची भी मौजुद थे।

राज्य सभा सांसद गहलोत ने अशोक गहलोत सरकार द्वारा लिफ्ट कैनाल के संबंध में दिये गये व्यक्तव्य पर हमला बोलते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने जो माहौल बनाया है वह आमजन को भ्रमित करने वाला है। जबकि वास्तविक इस योजना को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जोधपुर की जनता की पीड़ा को समझते हुए मेरे पूरजोर आग्रह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत,नहर मंत्री पंडित भंवरलाल शर्मा के साथ चर्चा कर इस कार्य को रेकार्ड समय में पूरा करने का संकल्प लेते हुए वर्ष 1990-91 से 1998-99 में 220 करोड़ की राशि खर्च कर जोधपुर की जनता की प्यास बुझाई।

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राज्यसभा सांसद गहलोत ने कहा कि जोधपुर लिफ्ट केनाल के तृतीय चरण के शिलान्यास के नाम पर मुख्यमंत्री ने सरकारी तंत्र का दुरूपयोग करते हुए कांग्रेस की रैली का आयोजन किया। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में आमजन को जोधपुर लिफ्ट केनाल के बारे में जो तथ्य बताए वे वास्तविकता से कहीं मेल नहीं खाते। मुख्यमंत्री ने सस्ती लोकप्रियता को भुनाने के लिए गलत तथ्यों को परोसा एवं आमजन को गुमराह किया। आगामी चुनावों में फायदा लेने की नीयत से सरकारी तंत्र का खुलकर उपयोग करते हुए कांग्रेस का सम्मेलन आयोजित किया जिसमें पुलिस,प्रशासनिक अमले को लगा दिया। यही नहीं इस कार्यक्रम हेतु पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी कांग्रेस की सभा को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे थे।

मुख्यमंत्री ने जोधपुर लिफ्ट परियोजना के तृतीय चरण की घोषणा अपने पहले बजट में की थी किन्तु गत 3 वर्षों से इस पर कोई कार्य नहीं किया एवं मात्र आगामी चुनावों में इसका फायदा लेने के लिए अब आनन-फानन में जोधपुर लिफ्ट परियोजना के तृतीय चरण के शिलान्यास कार्यक्रम के नाम पर कांग्रेस का सम्मेलन का आयोजन किया है जबकि जोधपुर लिफ्ट केनाल के लिए भाजपानीत सरकार ने पूर्ण ईमानदारी से कार्य करते हुए रिकार्ड समय में लिफ्ट परियोजना के प्रथम व द्वितीय चरण को पूर्ण करते हुए जोधपुर की जनता को पेयजल समस्या से निजात दिलाई। जोधपुर लिफ्ट केनाल (राजीव गांधी लिफ्ट केनाल) के प्रथम चरण की तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 1993 106, 13 अगस्त1993 में 256.80 करोड़ (दो सो छप्पन करोड़) की राशि जारी की। जिसमें 158 गांवों को लाभान्वित करना था।

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द्वितीय चरण की भी तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति में 137.20 करोड़ (एक सौ सैतींस करोड़) की राशि जारी की जिसमें जोधपुर शहर सहित 934 ग्रामों को सम्मिलित किया गया था। जबकि कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1983 से 1990 तक के अपने कार्यकाल में इस परियोजना हेतु कोई कार्य नहीं किया और मात्र फेमिन के तहत कार्य करवाए अपना समय बर्बाद करते हुए जनता को गुमराह किया। कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1983 से 1990 तक अपने शासनकाल में जोधपुर लिफ्ट केनाल हेतु मात्र 31 करोड़ स्वीकृत किए एवं इसके विपरित यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस दौरान माननीय मुख्यमंत्री स्वयं भी जन स्वा.अभि.विभाग के मंत्री रहते हुए कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर सके। जबकि हमारी सरकार ने वर्ष 1990 से 1999 तक इस परियोजना के लिए लगभग 220 करोड़ आमजन के उपयोगार्थ खर्च किए।

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कांग्रेसी नेता मात्र आपसी खीचतान में ही उलझे रहे,दो-दो बार योजना का उद्घाटन किया

कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री, विधायक व कांग्रेसी नेता मात्र आपसी खीचतान में ही उलझे रहे।कांग्रेस शासन में 1984 में चिराई और 1985 में मदासर में दो दो बार योजना का उद्घाटन तो हुआ किन्तु राजनीति लाभ उठाने के लिए। उस समय यह भी घोषणा कांग्रेस के नेताओं ने करवाई की जोधपुर लिफ्ट केनाल की प्रगति की मोनिटरिंग सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से होगी। जो आगे जाकर झुठी निकली। यहां यह भी स्पष्ट कर दूं कि कांग्रेस ने तो जोधपुर की जनता को 1983 से 1990 तक मात्र सपने ही दिखाए धरातल पर कोई कार्य नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने जोधपुर की पेयजल समस्या का कोई स्थायी समाधान करने की सोच ही विकसित नहीं कर पाए। मात्र आनन-फानन में संकट के समय कभी रामपुरा तो कभी रणसी गांव जैसी तात्कालीक व अस्थाई पेयजल योजना बनाकर जनता को गुमराह करते हुए राजनीति की।

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भाजपा कार्यकाल में 28 करोड़ रुपये में फिल्टर हाउस का नवनिर्माण हुआ

जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण ईमानदारी से कार्य करते हुए 28 करोड़ रुपये इस पानी को फिल्टर करने हेतु फिल्टर हाउस का नव निर्माण कराया तथा शहर की पेयजल व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए 11 करोड़ की राशि खर्च कर घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया। कल जो मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की सभा में तथ्य पेश किए वे पूर्ण रूप से झूठे व रेकर्ड के विपरित हैं जो सरकारी आंकड़ों से स्पष्ट भी हो जाता है। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की विफलताओं व प्रशासनिक असफलता को छुपाने के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए आगामी चुनावों में फायदा लेने की नाकाम कोशिश की है। किन्तु जोधपुर व प्रदेश की जनता सब समझती है और वो कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेकने को तत्पर है।

पचपदरा रिफाइनरी पर भी गहलोत सरकार ने आमजन को किया भ्रमित

राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 22 सितंबर 2013 (27 सितंबर, 2013 से आचार संहिता लागू होने के पूर्व) आनन- फानन में राजनीतिक लाभ लेने की नीयत से इसकी आधारशिला रखी थी।16 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पचपदरा,राजस्थान में बाड़मेर रिफाइनरी के परियोजना कार्य का संशोधित एवं राजस्थान राज्य हेतु लाभकारी परियोजना का शुभारंभ किया था।

अब इस परियोजना की लागत राशि 43,129 करोड़ रुपये होगी। अभियांत्रिकी समापन का लक्ष्य 4 वर्ष रखा गया है। इस रिफाइनरी की क्षमता 9 एमएमटीपीए होगी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस प्रोजक्ट के पूर्व में परियोजना का आईआरआर 6.32 प्रतिशत था जो अब 12.2 प्रतिशत किया है। इस संशोधित परियोजना में 15 वर्षों तक प्रतिवर्ष 1123 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण तथा 16वें वर्ष से आगामी 15 वर्षों तक ऋण अदायगी का लक्ष्य निर्धारित है। जिससे राज्य सरकार को लगभग 13000 करोड़ रुपये का सीधा फायदा होगा।

कांग्रेस सरकार ने मात्र राजनीतिक फायदे के लिए किया रिफाईनरी का शिलान्यास

इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए पर्यावरण व वन मंत्रालय से पर्यावरण अनुमति तथा संशोधित परियोजना के लिए भारत सरकार ने सभी आवश्यक अनुमति/अनुमोदन प्राथमिकता से जारी कर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है जबकि सोनिया गांधी द्वारा शिलान्यास कराने से पूर्व वन एवं पर्यावरण संबंधी कोई अनुमति जारी नहीं करवाई। इससे स्वतः स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार ने मात्र राजनीतिक फायदे के लिए ही इसका आनन फानन में शिलान्यास किया जबकि पचपदरा में स्थापित हो रही रिफाइनरी में भारत सरकार द्वारा पूर्ण ईमानदारी से पश्चिमी राजस्थान के चहुंमुखी विकास के लिए कार्य कर रही है।

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