तीन दिवसीय आदिवासी लोक नृत्य का संगम आज से
- शुक्रवार को कलाकारों ने किया रिहर्सल
- 14 राज्यों के लोक कलाकार आदिवासी लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे
- राजस्थान संगीत नाटक अकादमी व ऊत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला का आयोजन
- टाउन हॉल में शाम 6.30 बजे से समारोह होगा आयोजित
जोधपुर,सूर्यनगरी की धरती शनिवार से तीन दिनों तक देश की आदिवासी लोक कलाओं से रूबरू होगी। देश के 14 राज्यों के लोक कलाकार आदिवासी लोक नृत्य की कला से आदिम युग की स्मृतियां जीवित करेंगे। शुक्रवार सायं टॉउन हॉल में कलाकारों ने रिहर्सल किया।
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी व ऊत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला की ओर से यहां टाउन हॉल में शाम 6.30 बजे से समारोह आयोजित होगा। अकादमी सचिव अनिल कुमार जैन ने बताया कि पहली बार उत्तर व दक्षिण भारत के आदिवासी लोक कलाकारों का संगम होगा।
प्रभारी अधिकारी रमेश कंदोई ने बताया कि कार्यक्रम में गुजरात का दांगी मेवाती,राजस्थान का गरासिया, तेलंगाना का लम्बाड़ी,त्रिपुरा का पांचाली,एमपी का गुडुमबाजा, छत्तीसगढ़ का गौड़ा,सिक्किम का तामांग शैली,महाराष्ट्र का गवली सौंगी, उत्तराखण्ड का खडिया,हिमाचल का ढिंढोडी,जमु कश्मीर का गोजरी लद्दाख कारगिल का फ्लावर व आसाम का बरदोई सिखाला नृत्य होंगे। समारोह का उद्धाटन महापोर उत्तर कुंती देवड़ा करेंगी।
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