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एमजीएच में हुई रेट्रोपेरीटोनियल लाइपोसारकोमा की जटिल सर्जरी

पेट में कैंसर की गांठ की वजह से हो सकता है गर्भपात

जोधपुर,शहर के महात्मा गांधी अस्पताल में रेट्रोपेरीटोनियल लाइपोसारकोमा की जटिल सर्जरी कर महिला को जीवनदान दिया। ऑपरेशन के बाद महिला स्वस्थ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के निकट ग्रामीण इलाके में रहने वाली 20 वर्षीय महिला के 8 महीने का स्वत: ही गर्भपात हो गया। महिला ग्रामीण परिवेश में रहती थी इस वजह से गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की जांच उन्होंने नहीं करवाई थी। जब गर्भपात हुआ तो चेकअप कराने के लिए महात्मा गांधी अस्पताल के आचार्य एवं प्रभारी डॉक्टर दिनेश दत्त शर्मा के पास आए और जांच कराने पर पेट में कैंसर की गांठ की पुष्टि हुई।

रेट्रोपेरीटोनियल लिपोसार्कोमा लगभग 10 लाख पॉपुलेशन में दो जनों के पाया जाता है और अधिकांश 40 से 70 साल की उम्र में होता है।गर्भावस्था एवं 20 वर्ष की उम्र के दौरान तो रेट्रोपेरीटोनियल लाइपो सार्कोमा का पाया जाना एक अत्यंत ही दुर्लभ हो स्थिति में होता है। आज तक इसके कुछ एक ही मामले पाए गए हैं।

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इस महिला में कैंसर की गांठ की साइज 30 cm×25cm×20 cm लगभग 9 महीने के गर्भ की साइज के बराबर थी। गर्भावस्था के दौरान पेट में इतनी बड़ी गांठ की वजह से पेट का प्रेशर बढ़ जाता है जिसकी वजह से बच्चेदानी पर भी प्रेशर बढ़ता है और बच्चेदानी द्वारा गर्भस्थ शिशु का गर्भ में ठहरना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस वजह से गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

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जांच करवाने पर पाया गया कि इस महिला में कैंसर की गांठ काफी बड़ी थी। इस कैंसर की गांठ में शरीर की सभी बड़ी खून की नसों के साथ चिपकी हुई थी साथ ही इस कैंसर ने महिला के बाएं गुर्दे में भी पूर्ण रूप से फैल गया था। इस ऑपरेशन के दौरान आसपास के अंगों एवं खून की नसों को बचाना बहुत ही जटिल कार्य होता है।इस जटिल कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया डॉ. दिनेश दत्त शर्मा एवं उनकी टीम ने। सर्जरी करने वाली टीम ने कैंसर की गांठ के साथ में कैंसर से ग्रसित लेफ्ट साइड का गुर्दा भी पूर्ण रूप से निकालना पड़ा ताकि कैंसर की गांठ को पूर्णतया शरीर से बाहर निकाला जा सके। ऑपरेशन के पश्चात महिला पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

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यह ऑपरेशन महात्मा गांधी अस्पताल में चिरंजीवी योजनाओं में पूर्णतया निःशुल्क किया गया। अस्पताल अधीक्षक डॉ.राजश्री बेहरा एवं मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छावाह ने भी ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी है। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ.दिनेश दत्त शर्मा के साथ डॉ.पराग,डॉ.प्रवेश,डॉ.राकेश भटनागर एवं बेहोशी की टीम में डॉ. सरिता जनवेजा,डॉ.फतेह सिंह भाटी, डॉ.भरत चौधरी,डॉ.गायत्री तंवर शामिल थे।

ऑपरेशन में सीटीवीएस सर्जन डॉ. अभिनव सिंह एवं यूरोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु गहलोत का भी सहयोग लिया गया। अरविंद अपूर्वा,रूप कंवर एवं अन्य नर्सिंग ऑफिसर ने भी सहयोग दिया।

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