करोली, 1944 में विश्व का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रॉस मात्र 19 साल की आयु में प्राप्त करने वाले राजस्थान के करोली जिले में टोंका खेड़ा गांव के रहने वाले मा भारती के वीर गूर्जर पुत्र कैप्टेन कमल राम की 39 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। कर्नल देव अनानंद, राष्ट्रीय अध्यक्ष इंटरनेशनल गूर्जर महासभा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे एवं पीआर मीणा कार्यक्रम के वशिष्ठ अतिथि थे।

विक्टोरिया क्रॉस कप्टैन कमल

कार्यक्रम की शुरुआत सुरजो देवी धर्मपत्नी विक्टोरिया क्रॉस कमला राम द्वारा वीर सैनिक की मूर्ति पर माला चढ़ाकर की गई। आईजी प्रदेश महामंत्री कमांडो मुकेश,सैनिक सेवा समिति के दौसा जिला अध्य्क्ष विजेंद्र बासड़ा, जिला प्रवक्ता समयसिंह बासड़ा,पीआर मिना, कप्तान शिव चरन जिला अध्य्क्ष सैनिक सेवा समिति करोली, सियाराम प्रधान व अन्य सैंकड़ो की संख्या में मौजूद गणमान्य नागरिकों ने एवं पूर्व सैनिकों ने श्रधांजलि अर्पित की।

विक्टोरिया क्रॉस कप्टैन कमल

कर्नल देव अनानंद गूर्जर ने अपने उद्बोधन में विस्तारपूर्वक बताया की किस प्रकार कैप्टन कमला राम ने अद्बुध साहस का परिचय देते हुए वीरता के झंडे गाड़े व द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी में गारी नदी पार करके दुश्मन को नेस्त नाबूत किया।

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कर्नल गूर्जर ने आज तक सरकार और समाज की अनदेखी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सस्तर का सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार विजेता होने के बावजूद कैप्टन कमल राम गूर्जर को 75 वर्षों से ज्यादा उचित सम्मान से वंचित रखा गया और सरकार से मांग रखी की कमल राम के नाम पर करोली सरकारी महाविद्यालय का नामकरण कमल राम गुर्जर विक्टोरिया क्रोस के नाम पर होना चाहिये।

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जयपुर तथा दिल्ली में किसी भी मुख्य सड़क व सर्किल का नामकरण कमल राम गुर्जर के नाम से होना चाहिए। मुख्य शहरों के चोहराहों पर उनकी प्रतिमा लगाई जाए।
पूर्व आईएएस पीआर मीना ने इंटरनेशनल गूर्जर महासभा एवं सैनिक सेवा समिति की मांग को सही बताते हुए केन्द्र व राज्य सरकार से वीरता विजेता को उचित सम्मान देने का आग्रह किया।

उपस्थित जनसमूह ने सर्व सम्मति से 19 दिसंबर को कैप्टेन कमल राम गूर्जर के जन्म दिवस के अवसर पर उनके जन्म स्थान पर मूर्ति लगाने के फैसले पर मोहर लगाई और उमीद जताई कि युवाओं को देश सेवा एवं बलिदान की प्रेरणा मिल सके। इस मौके पर कमल राम गुर्जर अमर रहे के नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।

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सरपंच पूरण, सरपंच शेर बैंसला, सरपंच रामबीर, कप्तान फतेह सिंह, बिदारवासों के 12 गांव के पचं पटेल, पप्पू सिंह बैंसला, मीडिया प्रभारी सैनिक सेवा समिति दौसा, प्रीतम सिंह बांसवाड़ा, उपाध्यक्ष सैनिक सेवा समिति दौसा, सहित प्रदेश भर से आए सैकड़ों की संख्या में नागरिक मौजूद थे।

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