चित्तौड़गढ़ पुलिस ने जोधपुर की महामंदिर पुलिस के सहयोग से पकड़े साइबर ठग

  • साइबर फ्रॉड
  • पकड़े गए आरोपी जोधपुर मथानिया के रहने वाले
  • चार मोबाइल जब्त
  • श्रम विभाग का अधिकारी बनकर लोगों से जालसाजी कर फंसाते थे

दूरदृष्टीन्यूज क्राइम रिपोर्टर 

जोधपुर,चित्तौड़गढ़ पुलिस ने जोधपुर की महामंदिर पुलिस के सहयोग से पकड़े साइबर ठग। प्रदेश की चित्तौडग़ढ़ पुलिस ने साइबर ठगी के प्रकरण का खुलासा करते हुए दो साइबर ठगों को पकड़ा है। दोनों ठगों को जोधपुर के कमिश्नरेट जिला पूर्व महामंदिर पुलिस के सहयोग से पकड़ा जा सका है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल जब्त किए हैं।

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आरोपी श्रम विभाग का अधिकारी बन कर लोगों को जालसाज में फंसा साइबर करते थे। इनके द्वारा श्रम विभाग,सुकन्या योजना, पीएम किसान योजना,जनधन योजना आदि स्कीमों का लाभ दिलाने के नाम पर कई जिलों के लोगों के साथ लाखों की ठगी की है।

चित्तौडग़ढ़ जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि सदर और साइबर टीम द्वारा आरोपियों को पकड़ा जा सका। 17 दिसम्बर को बराडा लक्ष्मीपुरा चित्तौडग़ढ़ निवासी मदन पुत्र मोहनलाल लोधा ने रिपोर्ट दी थी। उसके अनुसार उसकी पत्नी पिन्की लोधा की पूर्व में मुत्यू हो गई थी जिसके श्रमिक कार्ड से राजस्थान सरकार द्वारा दिए जाने वाली 2 लाख रुपये की राशि के लिए ई-मित्र ऑछडी पंचायत समिति चित्तौडगढ के मार्फत ऑन लाइन आवेदन किया था।

शाम को करीब 4-5 बजे एक मोबाईल नम्बर से अज्ञात व्यक्ति का फोन आया व कहा कि में श्रम अधिकारी चित्तौडगढ सुरेश बुनकर बोल रहा हूॅ आपके खाते में राजस्थान सरकार द्वारा श्रमिक कार्ड के तहत 2 लाख की राशि स्वीकृत हो गई है। राशि को आपके खाते में डालने है इसके लिए आपको हमारे सरकारी खाते में शुल्क के 15 हजार रुपए डालने हैं जिसकी रशीद आपको मिल जाएगी। आरोपी ने स्केनर कोड वाट्सएप पर पर भेजा। उसे रुपए भेज दिए गए।

उसके बाद पुन:उसी नम्बर से फोन आया व कहा कि आपके खाते के एमआईसीआर नम्बर नहीं मिल रहे है आप 22 हजार रुपए सिक्युरटी पेटे उसी स्केनर पर भेज दो।आपको 2 लाख के साथ आपके 22 हजार भी आपके खाते में आ जाएंगे। बाद में फिर 22 हजार रुपए उसे भेजे गए। वह बार-बार पैसे मांगता रहा और उससे 81 हजार की ठगी कर ली थी।

एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि आरोपी काफी शातिर प्रवृति के होने के कारण पुराने रिकार्ड चैक करने के साथ रुट मैच बनाकर वारदात के समय काम में लिए गए नम्बरों का तकनिकी डाटे का विश्लेषण किया गया। जोधपुर की महामंदिर पुलिस थाने के कांस्टेबल प्रकाश एवं रामनिवास ने सहयोग कर दोनों अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

आरोपी पहले चलाते थे ई-मित्र दुकान 
पुलिस पूछताछ में पता कि आरोपी पूर्व में ई-मित्र की दुकान चलाते थे जिस कारण सभी तरह की सरकारी योजनाओं के ऑनलाईन फार्म भरने का काम करने से सभी वेबसाईट खोलने और डाटा निकालने की जानकारी रखते थे जिससे प्रार्थियों की जानकारी निकालने और मोबाइल नम्बर आसानी से निकाल लेते थे और वेबसाइट से विभागों के अधिकारीयों की जानकारी नाम पते आसानी से निकाल लेते।

दूसरों के नाम सिम कार्ड लेते 
गैंग के आरोपियों द्वारा दूसरों के नाम पर सिम कार्ड लेकर व किराया पर अकाउन्ट लेकर ठगी की वारदात करते है ताकि जल्दी से ट्रेस नही हो। वारदात करते समस ये आरोपी अपनी लगातार लोकेशन चेन्ज करते रहते हैं ताकि ठगी करते समय पुलिस द्वारा उनके नम्बरों को ट्रेस करें तो पकड़ में नहीं आए।

वारदात के बाद पैसों को गेम के अकाउन्ट में ट्रान्सफर करते है ताकी खुद के अकाउन्ट पुलिस शिकायत के बाद हॉल्ड नहीं हो। ठगी करते समय अपने साथ में एक और व्यक्ति को साथ रखते हैं जिसको अपना अधिकारी बताकर ठगी के शिकार व्यक्ति से बात कराते हैं कि ये हमारे अधिकारी हैं इनसे बात कर लो,जो पूरी सफाई से बात करता है जिससे ठगी होने वाला व्यक्ति एक बार सन्तुष्ठ हो जाए।

इन्हें किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने जोधपुर के मथानिया तिंवरी निवासी दिलीप पुत्र धीरेंद्र माली और जेलू मथानिया निवासी मनोहर पुत्र नगसिंह को पकड़ा है।

यहां पर की ठगी की वारदातें 
एसपी सुधीर जोशी के अनुसार आरोपियों ने चित्तौडग़ढ़ में अलग- अलग थाना सर्कल के 6 व्यक्तियों के साथ साइबर ठगी की। इसके अलावा नागौर में 14,जालोर में 3, साचौर में 1,सीकर में1,उदयपुर में 2, कोटा के 2 लोगों से ठगी की है।

पहले से दर्ज प्रकरण 
आरोपी दिलीप पुत्र धीरेन्द्र माली के खिलाफ पूर्व आठ साइबर ठगी के प्रकरण सामने आए हैं। मथानिया में 2 प्रकरण,बाड़मेर के बिजराड, धोरीमन्ना रामसर थाने में 3, भीनमाल जालौर 1, माता का थान जोधपुर में 2,बिलाडा जोधपुर में 1 प्रकरण दर्ज है।

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