जोधपुर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) विधायकों के खरीद-फरोख्त प्रकरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही यह किसी से छिपा नहीं है, पर अब पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया की आम जनता के सामने स्वीकारोक्ति से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। शेखावत ने कहा कि कांग्रेस विधायक के खुलासे यह साबित होता है कि राज्य सरकार द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त़ कर विधानसभा में हासिल किया गया विश्वास मत वास्तव में जनता से किया गया छल था। इसी प्रकार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत भी संदेहास्पद है। मुख्यमंत्री गहलोत को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए लोकतांत्रिक मर्यादा और सार्वजनिक जीवन की नैतिकता के आधार पर तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस संदर्भ में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से भी मेरा आग्रह कि स्वत: संज्ञान लेकर वह अनुशासनात्मक कार्रवाई करे, अन्यथा जनता में यह संदेश जाएगा कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा पांच-पांच करोड़ रुपए में की गई विधायकों की खरीद को उसकी स्वीकृति थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, राजस्थान में संवैधानिक संकट की स्थिति लगातार बनी हुई है। कांग्रेस के पुराने रणनीतिकार और विधायक मालवीया पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं, इसलिए उनके बयान की गंभीरता को समझना आवश्यक है। उन्होंने चुनावी सभा में आम जनता के सामने यह कहा है कि कांग्रेस ने भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों को राज्यसभा चुनाव जीतने और विधानसभा के सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए पांच-पांच करोड़ रुपए दिए गए। यदि सत्ताधारी पार्टी का एक वरिष्ठ निर्वाचित प्रतिनिधि जनमत की खरीदी को जनता के सामने ही स्वीकारता है तो यह सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर प्रश्नचिन्ह है। उनका बयान राज्य के मुखिया को कटघरे में खड़ा करता है। शेखावत ने कहा, गहलोत पर यह इस तरह का पहला आरोप नहीं है। उन पर सत्ता में बने रहने के लिए अन्य दलों के विधायकों को तोड़ने के कई दाग हैं। गहलोत अक्सर लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई देते हुए आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति करते हैं, ताकि विधायक खरीद कर सरकार चलाने के सबसे बड़े मुद्दे की ओर मतदाताओं और मीडिया का ध्यान न जाए। सत्ता में बने रहने का यह उनका ईजाद किया हुआ तरीका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, नियमत: गहलोत बीटीपी विधायकों को समर्थन के बदले धन दिए जाने के प्रकरण की जांच सीबीआई को दिए जाने की सिफारिश़ करते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए। यह दलगत राजनीति नहीं है। मैं चाहता हूं जनता का लोकतांत्रिक व्यवस्था पर यकीन बना रहे। एक निर्वाचित विधायक द्वारा आम जनता के सामने अन्य पार्टी के विधायकों का समर्थन खरीदने की बात स्वीकारने की यह देश में संभवत: पहली घटना है। राजस्थान में लोकतंत्र की बहाली के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस्तीफा आवश्यक है।