जोधपुर, इस शहर को कला की राजधानी यूं ही नही कहते है। यहां से निकले हीरे पूरी दुनिया में अपनी चमक फैलाते हैं। एसा ही एक हीरा लघुफिल्म निर्देशक आनंदसिंह चौहान है।
जिनकी फिल्म ‘वाशिंग मशीन’ ने उज्जैन राष्ट्रीय लघुफिल्म प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त कर शहर ही नहीं बल्कि राज्य का सिर गौरव से ऊंचा किया है। उज्जिनी शार्ट फिल्म फेस्टीवल शिरकत करके लौटे आनंद चौहान ने बताया कि फेस्टिवल में पूरे हिन्दुस्तान से दो सौ इक्कीस प्रविष्टयां आई थी।
जिनमें से सत्तर फिल्मों को स्क्रीनिंग के लिये आमंत्रित किया गया। जिसमें उनकी फिल्म वाशिंग मशीन को सर्वश्रेष्ठ फिल्मो की श्रेणी में तृतीय स्थान के लिये चयनित किया गया। ग़ौरततब है कि चौहान की फिल्म की पृष्ठभूमि और भाषा राजस्थानी है।
एसे में तृतीय स्थान हासिल करने का गौरव और बढ़ जाता है। चौहान ने बताया कि इस समारोह में प्रथम व द्वितीय स्थान पर मराठी फिल्मों ने कब्ज़ा किया। जिनके नाम ‘खीसा(पाकेट) और ‘बाबा ते’ थी।
निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा, लेखक, निर्देशक राज शांडिल्य और निर्देशक राजेश राठी थे। जिन्होने वाशिंग मशीन की बहुत सराहना की।
चौहान ने बताया कि इस फिल्म में मुख्य भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी भवानी सिंह चौहान, प्रवीण चौधरी,अंकिता पटेल, परमानंद रामदेव,मोहित माहेश्वरी व प्रदन्या सिंह चौहान थे। इसके अलावा इसी समारोह में जोधपुर के ही एक और निर्देशक परमानंद रामदेव के वृतचित्र ‘स्माइल आफ ममता को भी निर्णायक मंडल की ओर से सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।