केन्द्र-राज्य सरकारें मिलकर करें महामारी का सामना-मुख्यमंत्री

सभी का वैक्सीनेशन हो निःशुल्क -राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन पर करें विचार

जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी के खिलाफ केन्द्र और राज्य सरकारें तथा सभी देशवासी मिलकर लड़ेंगे, तभी विजय प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अप्रत्याशित तथा अधिक घातक है और इसने भयंकर रूप ले लिया है। इस चुनौती का सामना करने के लिए जरूरी है कि वैक्सीनेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी गई निःशुल्क वैक्सीन की तरह ही शेष आयु वर्ग के लोगों को भी केन्द्र सरकार की ओर से निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए।

गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फे्रंस के माध्यम से चित्तौड़गढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों में राजकीय मेडिकल काॅलेजों के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने 325-325 करोड़ रूपये की लागत से बनाए जा रहे मेडिकल काॅलेजों की शिलान्यास पट्टिकाओं का वर्चुअल अनावरण किया। इस दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, राज्य के चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार को देशभर में टीकाकरण अभियान के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए। यदि विदेशों से वैक्सीन आयात करने की आवश्यकता है, तो वह भी किया जाना चाहिए, क्योंकि वैक्सीन से इस बीमारी के घातक प्रभावों को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों ने संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अपने स्तर पर लाॅकडाउन के अलग-अलग प्रतिबंध लागू किए हैं, जिससे अन्तर्राज्यीय समन्वय में कमी महसूस हो रही है। ऐसे में, केन्द्र सरकार को पिछली बार के राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के अनुभवों से सीख लेते हुए फिर से पूरे देश में एकरूपता के साथ लाॅकडाउन लागू करने पर विचार करना चाहिए।

गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में डीआरडीओ की ओर से लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांटों की संख्या बढ़ाने, ऑक्सीजन परिवहन के लिए अतिरिक्त टैंकर उपलब्ध कराने, राज्य को ऑक्सीजन का आवंटन देश के पूर्वी राज्यों की बजाय निकटवर्ती राज्यों से कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र की ओर से जारी सभी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए संक्रमण को रोकने और मरीजों के इलाज करने के प्रयासों में कोई कसर नहीं रखेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कई पहल की हैं, जिनसे प्रदेश का स्वास्थ्य ढांचा मजबूत हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजनाओं, निरोगी राजस्थान अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य मित्र आदि योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों से प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने हाल ही में लागू की गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को पूरे देश के स्तर पर लागू करने का सुझाव भी दिया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा कि आज राजस्थान और पूरा देश कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में बहुत अधिक तकलीफ से गुजर रहा है। उन्होने कहा कि इन विषम स्थितियों का सामना करने में केन्द्र सरकार सभी राज्यों को यथा संभव संसाधनो की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रही है। उन्होने राज्य सरकारों को सुझाव दिया कि कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज लगाने को भी समान प्राथमिकता दी जाए।

डाॅ. हर्ष वर्धन ने बताया कि बीते कुछ सालों में देश में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। देशभर में हैल्थ केयर ढांचे को मजबूती देने के लिए कई सुधार कार्यक्रम भी लागू किए गए हैं। एम्स की संख्या बढ़कर 22 हो गई है तथा 110 चिन्हित जिलों में मेडिकल काॅलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसी क्रम में तीसरे चरण में स्वीकृत किए गए 75 मेडिकल काॅलेजों में से सर्वाधिक 15 राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल काॅलेज की स्वीकृति के लिए सतत प्रयास किए और सभी मापदण्डों को समय पर पूरा किया, जिनमें
से दो मेडिकल काॅलेजों का शिलान्यास आज किया जा रहा है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि केन्द्र सरकार चिकित्सा शिक्षा संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने एवं शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ सालों में देश में सरकारी क्षेत्र में मेडिकल काॅलजों की संख्या बढ़ाई गई है। इसका नतीजा है कि एमबीबीएस, पीजी तथा सुपर स्पेशयलिटी सीटों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जिससे आने वाले समय में चिकित्सकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि जिन दो मेडिकल काॅलेजों का आज शिलान्यास हुआ है, इनके भवन अगले दो वर्ष में तैयार हो जाएं और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता रहे। इसके बाद हमारी योजना है कि जल्द से जल्द इन काॅलेजों में एमबीबीएस कोर्स शुरू किए जाएं। उन्होंने बताया कि इन काॅलेजों के निर्माण के लिए केन्द्र और राज्य की हिस्सा राशि 60ः40 के अनुपात में राज्य सरकार की ओर से 130 करोड़ रूपये प्रति काॅलेज व्यय होगा।

चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने राजस्थान की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदश में सरकारी मेडिकल काॅलेज से वंचित रहे तीन जिलों- राजसमंद, जालोर एवं प्रतापगढ़ में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी देने की मांग की।

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओ के विस्तार और नव स्वीकृत मेडिकल काॅलेजों के निर्माण स्वीकृति के बारे मे जानकारी दी। उन्होने बताया कि स्वीकृत 15 काॅलेजों में से दो के आज शिलान्यास के बाद 7 अन्य के निर्माण के लिए कार्यादेश इस माह के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे। शेष मेडिकल काॅलेजों के लिए कार्यादेश जल्द जारी होंगे।

सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना, सांसद सीपी जोशी एवं निहाल चंद, संबंधित जिलों के विधायकगण तथा अन्य जनप्रतिनिधि, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित बड़ी
संख्या में आमजन वर्चुअल शिलान्यास कार्यक्रम में सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के माध्यम से जुड़े।

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