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सीबीआई अधिकारी बनकर न्यूड वीडियो से ब्लैकमेलिंग करने वाला गिरोह पकड़ा

सीबीआई अधिकारी बनकर न्यूड वीडियो से ब्लैकमेलिंग करने वाला गिरोह पकड़ा

  • तीन गिरफ्तार
  • युवक के टूटे मोबाइल से मिले राज से हुआ खुलासा

जोधपुर,रेलवे पुलिस करीब डेढ माह पहले मेड़ता रोड में जालसू स्टेशन के पास सोशल मीडिया पर न्यूड वीडियो कॉल करके ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर आत्महत्या करने के प्रकरण में मृतक के टूटे हुए मोबाइल को ठीक कराकर उसमे मिली जानकारी के आधार पर कड़ी से कड़ी जोडक़र तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा आज जीआरपी जोधपुर जिले के एसपी प्रदीपमोहन शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में किया।

पुलिस अधीक्षक जीआरपी प्रदीपमोहन शर्मा न बताया ने कि 26 अगस्त को मेड़ता रोड़ थाने में नागौर जिले के आंतरोली निवासी हेमसिंह पुत्र शिवसिंह ने रिपोर्ट दी कि उसका छोटा भाई गोपाल सिंह जो करीबन 4 वर्षो से पत्नी एवं बच्चों के साथ गोपालवाड़ी जयपुर में रह रहा है तथा ऑटो पॉर्टस की दुकान चलाता है ने 25 अगस्त को जालसू रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके पास मिले सुसाइड नोट में दो मोबाईल नम्बर के मार्फत सीबीआई अधिकारी बनकर उसको न्यूड वीडियो कॉल करने और बाद में ब्लैकमेल करके करीब चार लाख रूपये की वसूली करने से आहत होकर आत्महत्या करना बताया गया।

पुलिस की टीम लगाई 

रेलवे पुलिस थाना जीआरपी ने इस मामले में आत्महत्या को उत्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कर अधिकारियों को अवगत कराया तो महानिरीक्षक पुलिस रेलवे आलोक वशिष्ठ ने जीआरपी जोधपुर जिले के एसपी प्रदीप मोहन शर्मा के नेतृत्व में उपअधीक्षक जीआरपी प्रेमसिंह राजपुरोहित के सुपरविजन में एक विशेष टीम का गठन किया जिसमे जीआरपी थाना अधिकारी जोधपुर किशनसिंह, उप निरीक्षक सुरेन्द्रसिंह, मेडता रोड थानाधिकारी लादूराम, हैडकांस्टेबल सुभाषचन्द्र,साईबर सेल में तैनात दीपेन्द्रसिंह,कांस्टेबल रामेश्वर लाल,राजेन्द्र,पूनाराम,नरेन्द्र,बृजलाल, रिडमलसिंह,मोहनलाल,राजूराम,शेरा राम  की टीम बनायी।

टूटे मोबाइल को कराया ठीक

इस टीम ने सबसे पहले मौके पर क्षत विक्षत मिले मोबाइल फोन को मैकेनिक से ठीक कराकर उसको चालू कराया और उसमें मिले रूपये भुगतान करने के स्क्रीन शॉट और मोबाइल नम्बर पर जांच पड़ताल शुरू की और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए बैंक खाते, एटीएम और पेटीएम, गुगल पे और ई-वालेट की जानकारी हासिल कर हरियाणा, उत्तरप्रदेश, आसाम,पश्चिम बंगाल और राजस्थान के भरतपुर अलवर क्षेत्र में आरोपियों की तलाश के लिये 15-15 दिन तक स्थानीय पुलिस के सहयोग से जांच पड़ताल और तलाश शुरू की तो पता लगा कि ये काम एक दो व्यक्ति का नहीं बल्कि संगठित गिरोह का है और उनको सुविधाएं देने के लिये कुछ मोबाइल कम्पनियों और बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है।

कड़ी जोड़ी और पकड़े गैंग के लोग

पुलिस ने कड़ी छानबीन के बाद इस वारदात को अंजाम देने के आरोप में भरतपुर जिले के कामा थानांतर्गत बीच की मस्जिद के पास रहने वाले राहुल उर्फ हुगली पुत्र स्वरूप खान मेव मुसलमान, भरतपुर के कामा थानान्तर्गत इन्द्रोली निवासी रहमान खान उर्फ रहसु पुत्र हरिसिंह फकीर मुसलमान और हरियाणा के नूंह जिले के सदर थानान्तर्गत रायपुरी निवासी हैदर अली पुत्र कमालुदीन मेव को गिरफ्तार कर जोधपुर लेकर पहुंची और पूछताछ शुरू की।

संगठित गिरोह में करते काम 

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो एक संगठित गिरोह के रूप में विभिन्न ठिकानों पर काम करते हैं जिसमे ग्राहकों को फंसाने,उनको धमकाने और उनके पास से बैंकों में आनलाइन रकम जमा कराने वाले और निकालने वाले सहयोगी अलग अलग होते हैं।

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