शहर में अब तक सबसे बड़ा साइबर क्राइम, ड्राइ क्लीनर से 13.65 लाख की ठगी

शातिर ने बैंक अधिकारी बनकर एटीएम कार्ड रिन्यू करवाने और परिलाभ का दिया झांसा

जोधपुर, शहर के चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड स्थित सेक्टर 8 में रहने वाले एक ड्राईक्लिनर को किसी शातिर ने बैंक अधिकारी बन कर ठगी का शिकार बनाया। एटीएम कार्ड बंद होने और रिन्यू करने के बाद परिलाभ का प्रलोभन दिया और खाते से 50 बार ट्रांजेक्शन कर 13.65 लाख रूपए उड़ा डाले। रूपए खाते से दो दिन यानी 22 व 23 मई को उड़ते रहे। किसी प्रकार का बैंकिंग मैसेज भी नहीं मिल पाया। आखिर पीड़ित सोमवार को देवनगर थाने पहुंचा और अज्ञात शख्स के खिलाफ आईटी एक्ट एवं धोखाधड़ी में केस दर्ज करवाया।

देवनगर थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि सीएचबी सेक्टर 8/ 25 में रहने वाले जगदीश पुत्र प्रभुलाल डागर ने यह रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि 22 मई को दिन में उसके पास किसी शख्स का फोन आया और खुद को स्पेशल बैंक ब्रांच का अधिकारी होना बताया और उसके एटीएम कार्ड को बंद होने की जानकारी दी। बाद में उसने कहा कि यदि वह जल्द ही एटीएम कार्ड को चालू रखेंगे तो उसके रिन्यू होने पर परिलाभ दिया जाएगा। इस पर झांसे में जगदीश डागर ने एटीएम के साथ बैंक संबंधी जानकारी दे दी। शातिर को उन्होंने एटीएम कार्ड ओटीपी नंबर के साथ ही कोड नंबर भी बता दिए। फिर शातिर ने लगातार दो दिनों तक 50 बार ट्रांसजेक्शन कर 13 लाख 65 हजार रूपए उनके जीवन ज्योति स्थित एसबीआई एकाउंट से उड़ा डाले।

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दस लाख की एफडी हुई थी मैच्योर

थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि इतनी बड़ी रकम में दस लाख रूपए तो पीड़ित की कुछ दिन पहले एफडी मैच्योर होने पर आए थे। यह रकम भी शातिर ने साफ कर डाली। इस घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात यह रही कि शातिर जो भी मैसेज डालता वह तो जगदीश डागर को मिलता रहा, मगर खाते से रूपए निकलते रहे वो मैसेज बैंक से नहीं मिल पाए। बाद में उसे रकम साफ होने का पता लगा। फोन नंबर भी राजस्थान के बाहर के निकले हैं। जो पश्चिम बंगाल से आना प्रतीत होता है।

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