जोधपुर, अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। उसका ऑक्सीजन लेवल भी अब सामान्य है। यूरिन इंफेक्शन को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है।
आसाराम की सेहत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज सुबह उसने भजन गुनगुनाते हुए खड़े-खड़े अपने हाथों को डांस करने की स्टाइल में घुमाया। तबीयत में सुधार को देखते हुए उसे अब शीघ्र ही एम्स से डिस्चार्ज किया जा सकता है। इसके लिए एम्स प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है।
एम्स सूत्रों का कहना है कि आसाराम की सेहत पहले की अपेक्षा काफी बेहतर है। वह एकदम स्वस्थ महसूस कर रहा है। उसके चेहरे पर आज ताजगी है। कल तक आसाराम एकदम निस्तेज सा था लेकिन आज सुबह से चहक रहा है। वह लगातार भजन गुनगुना रहा है। बीच में बिस्तर के पास खड़े होकर भजन गाते समय हाथों को डांस स्टाइल में घुमाने लगा।
उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उसकी सेहत में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। उसे अब कोई विशेष दिक्कत नहीं है। आसाराम की सेहत में सुधार के बाद यहां से डिस्चार्ज होने की स्थिति में नियमानुसार उसे वापस जोधपुर जेल भेजा जाएगा। गत माह के पहले सप्ताह में आसाराम कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसके बाद उसे पहले महात्मा गांधी व बाद में एम्स में भर्ती करवा कर इलाज कराया गया।
इस दौरान उसने हाईकोर्ट में अपनी बीमारी का इलाज आयुर्वेद्ध पद्धति से कराने के लिए जमानत याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स के मेडिकल बोर्ड ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश की। इसके आधार पर उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट के इस आदेश को आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहां भी सुनवाई कुछ दिनों के लिए टल गई है। एम्स के बाहर उसके समर्थकों की भीड़ बढ़ती जा रही है।
हालांकि पुलिस के भय से ये लोग किसी एक स्थान पर एकत्र होने के बजाय बार-बार अपना स्थान बदल रहे हैं। चुनिन्दा लोग बारी-बारी से आसाराम से मिलने पहुंच भी रहे हैं। वे बाहर आकर उसका संदेश अन्य समर्थकों को देते हैं। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2013 में जोधपुर के एक आश्रम में अपने गुरुकुल की एक नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़ऩ का आरोप लगा था।
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इसके बाद आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वह जोधपुर जेल में बंद है। अप्रैल 2018 में उसे मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई थी। आसाराम अब तक 15 से अधिक बार जमानत हासिल करने का प्रयास कर चुका है। देश के नामी वकील उसकी तरफ से पैरवी कर चुके हैं, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज होती रही है।