जोधपुर, अपने ही गुरूकुल की छात्रा से यौनशोषण के आरोप में सजा काट रहे आसाराम को जमानत के लिए लगाए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर प्रोडक्शन वारंट पर जेल से गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया। जहां से फिर से जेल छोड़ दिया गया। बताया गया कि आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए पूर्व में जो दस्तावेज लगाए थे, वो फर्जी हैं। कोर्ट ने उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इस मामले में कोर्ट में पेश किया गया और फिर उसे जेल में छोड़ा गया।
यौनशोषण के आरोपी आसाराम को रातानाडा थाना पुलिस ने जोधपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आज कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के बाद आसाराम को वापस सेंट्रल जेल भेजा गया।
रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम ने बताया कि 2016 में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल ग्राउंड पर एक जमानत याचिका पेश की थी। इसमें उसकी ओर से मेडिकल के फर्जी दस्तावेज पेश किए गए थे। इसी मामले में नया मुकदमा दर्ज हुआ है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में फर्जी कागजात दिखाने के लिए आसाराम पर एक नई एफआईआर दर्ज करने और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया था। 2016 में पेश आसाराम की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में खारिज कर दी थी।
अस्वस्थ होने पर मांगी थी जमानत
याचिका में आसाराम ने खुद को अस्वस्थ बताते हुए जमानत मांगी थी। केरल जाकर आयुर्वेदिक इलाज करवाने की छूट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर एक मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया था। आसाराम की जांच करने वाली मेडिकल टीम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसकी हालत स्थिर है। आसाराम को फर्जी दस्तावेज के आरोप में फिर से गिरफ्तर कर कोर्ट में पेश करने के उपरांत फिर से जेल छोड़ दिया गया।
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