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अस्पताल में लिथोट्रिप्सी सुइट का शुभारंभ 

जोधपुर, एम्स की सेवाओं में एक और अध्याय उस समय जुड़ गया जब अस्पताल में लिथोट्रिप्सी सुइट का शुभारंभ किया गया। गुरुवार को एम्स के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने अस्पताल के लिथोट्रिप्सी सूट का शुभारंभ किया। जो यूरोलॉजी विभाग के तहत कार्य करेगा। इस सुइट में एक डॉर्नियर डेल्टा कॉम्पैक्ट मशीन स्थापित है जो दुनिया में लिथोट्रिप्सी के लिए सबसे शक्तिशाली व कुशल मशीन है। लिथोट्रिप्सी को एक्सट्रॉकोर्पोरियल शॉक वेव के रूप में भी जाना जाता है। लिथोट्रिप्सी (ईएसडब्ल्यूएल) एक उपचार पद्धति है जिसके द्वारा गुर्दे की पथरी वाले रोगियों को सर्जरी या अस्पताल में प्रवेश की आवश्यकता से बचने के लिए शॉक वेव देकर इलाज किया जा सकता है। इस अवसर पर निदेशक डॉ मिश्रा ने बताया, कि ईएसडब्ल्यूएल मशीन को जोड़ने के साथ, एम्स जोधपुर अब गुर्दे की पथरी के सभी बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है और मरीजों को विश्व स्तरीय देखभाल प्रदान करने में सक्षम होगा। डॉ. गौतम राम चौधरी, सह आचार्य यूरोलाजी ने बताया, कि इस मशीन से छोटी पथरी के इलाज में बहुत मदद मिलेगी। डॉक्टर हिमांशु पांडे, सह आचार्य ने भी अपनी विभागीय सेवाओं के लिए इस विश्वस्तरीय तौर-तरीकों को शामिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। अब किसी भी मरीज को लिथोट्रि्सी करवाने के लिए अन्य शहर में नहीं जाना होगा। कोविड के जैसे समय में, जब ओटी स्लॉट अक्सर भरे रहते हैं, तो इससे हमें बिना सर्जरी के रोगियों की बड़ी संख्या में देखभाल मदद मिलेगी मशीन के शुभारम्भ के शुभारंभ के समय निदेशक, उपनिदेशक एनआर विश्नोई एवं एम्स के वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे।

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