विश्व अल्जाइमर दिवस का आयोजन आज

जोधपुर,विश्व अल्जाइमर दिवस का आयोजन आज। विश्व अल्जाइमर दिवस हर साल 21 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस वर्ष का नारा है-‘डिमेंशिया को जानें, अल्जाइमर को जानें’। बीमारियों की संख्या,लेकिन आमतौर पर अल्जाइमर रोग,जो समय के साथ तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट कर देता है और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है।

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आमतौर पर संज्ञानात्मक कार्य में गिरावट (यानी विचार को संसाधित करने की क्षमता) का कारण बनता है,मनोभ्रंश का कारण बन सकता है। 2020 में 60 वर्ष की आयु के अनुमानित 53 लाख भारतीयों में डिमेंशिया था और यह संख्या 2050 तक 1.4 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है (डिमेंशिया इन इंडिया 2020 रिपोर्ट)।

एम्स जोधपुर के मनोचिकित्सा के विभाग प्रमुख डॉ.नरेश नेभिनानी के मार्गदर्शन में जागरूकता बढ़ाने के लिए अल्जाइमर रोग का प्रतिनिधित्व करने वाले बैंगनी रिबन को सजाकर इसे मना जायेगा। मनोभ्रंश के बारे में जानकारी वाले पैम्फलेट आउट पेशेंट सेवाओं में भाग लेने वाले रोगियों और रिश्तेदारों के साथ साझा किये जा रहे हैं और उसी के लिए एक सूचना पुस्तिका डिमेंशिया देखभाल करने वालों और रोगियों के लिए बनाई गई है।

21 सितंबर को मनोचिकित्सा विभाग द्वारा डॉ.रूपसी और डॉ. प्रांशु सिंह द्वारा स्नातकोत्तर मनोचिकित्सा और नर्सिंग छात्रों के लिए “अंडरस्टैंडिंग केयरगिवर बर्डन एंड इम्प्रूविंग कम्युनिकेशन विद द एल्डरली” शीर्षक से एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। डॉ. श्रेयस,डॉ. संकलन और डॉ.उर्वशी ने अच्छे संचार कौशल का चित्रण करते हुए एक रोल-प्ले का आयोजन किया जायेगा।

विभाग के शिक्षक भी डिमेंशिया रोगियों के साथ अपने अनुभवों से रेसिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग छात्रों एवं अन्य विध्यार्थीओ को भी अवगत करायेंगे। शनिवार को लक्ष्मी,डॉ. प्रांशु और डॉ.समीक्षा आस्था वृद्धाश्रम का दौरा करेंगे,जहां बुजुर्ग निवासियों को संज्ञानात्मक समस्याओं और उनके उपचार के बारे में जागरूक करेंगे।

डॉ.प्रांशु सिंह ने आकाशवाणी जोधपुर एवं डॉ नरेश नेभिनानी ने रेड एफ़एम पर रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से डिमेंशिया के बारे में जागरूकता बढ़ाई। डॉ.प्रांशु और डॉ. नेभिनानी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जागरूकता पैदा करने के लिए एम्स जोधपुर के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एकैडमिक हैड डॉ पंकज भारद्वाज एवं उनकी टीम के सहयोग से स्वीडन के एक्स्पर्ट्स के साथ डिमेंशिया पर एक वेबिनार में भी भाग लिया। ओपीडी हॉल में रोगियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए टीवी पर वीडियो प्रदर्शित किये जा रहे हैं।