गोगुन्दा में गवरी नृत्य देखने उमड़े लोग
- विजय वावड़ी के कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां
- बारिश में भी डटे रहे दर्शक
जोधपुर/गोगुन्दा,गोगुन्दा में गवरी नृत्य देखने उमड़े लोग।गोगुन्दा क्षेत्र में इन दिनों गवरी की धूम मची हुई है। सायरा के तरपाल गांव में गवरी नृत्य ने दिन व रात में ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित किया। गवरी नृत्य के कलाकारों ने अपनी उमदा प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
यह भी पढ़ें – एमजीएच में पहला लेप्रोस्कोपिक बेरीआट्रिक सर्जरी सफल
उल्लेखनीय है कि तरपाल में प्रथम गवरी का मंचन लोगों को भा गया। आसपास सहित गांव के लोगों में गवरी को लेकर भारी उत्सुकता थी। गवरी आने की बात सुनते ही बच्चों ने चौराहा पर अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए कट्टे व बोरियां बिछा दी। 40 दिनों तक गवरी के मंचन एवं व्रत नियमों के पालन में बड़ी सावधानी रखने वाले कलाकारों के लिए हरी सब्जियां वर्जित मानी गई है। 40 दिनों तक ब्रह्मचर्य एवं सादा भोजन कर माता गोरजय्या की उत्तम साधना की जाती है। विजय वावड़ी की गवरी प्रसिद्ध है।
आज गवरी नृत्य में अनेक प्रकार के संवाद से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया। गवरी नृत्य में राई माता एवं गोरजय्या के भोपा ने अहम भूमिका निभाई।अनेक तरह के परिवेश में कलाकारों ने नृत्य व लौकिक नृत्य से मनोरंजन कर दर्शकों को रात दो बजे तक बांध कर रखा।
गवरी नृत्य में मनोरंजन का प्रमुख माध्यम रहा है बंजारा कालका चोर सिपाही, मीणा कानगुजरी कालू कीर देवी अम्बाव खेतुड़ी जैसे खेल से दर्शक हंस हंसकर लोटपोट हो गए। उपरोक्त खेलों को ग्रामीणों ने बड़े चाव से देखा।
