संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से पर्यावरण संरक्षण में करें सार्थक पहल-रावत
- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
- खेजड़ली शहीदी दिवस एवं राष्ट्रीय वन दिवस 2024 का आयोजन
जोधपुर,संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से पर्यावरण संरक्षण में करें सार्थक पहल-रावत। खेजड़ली शहीदी दिवस एवं राष्ट्रीय वन शहीद दिवस 2024 के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन बुधवार को मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर,राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में किया गया। सम्मेलन का आयोजन गुरु जम्भेश्वर पर्यावरण संरक्षण समिति शोधपीठ,जेएनवीयू जोधपुर एवं जम्भाणी साहित्य अकादमी,बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए रिड्यूस, रियूज़ और रीसायकल की नीति को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। इस तीन स्तरीय नीति के माध्यम से हम संसाधनों के अनियंत्रित दोहन को रोक सकते हैं और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि खेजड़ली बलिदान की प्रेरणा आज भी हमें पर्यावरण संरक्षण की राह पर चलने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जल एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एक बड़ी चुनौती है और मितव्ययता एवं पुनः चक्रण द्वारा संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल की जा सकती है।
सिर सांठे रूंख रहे फिर भी सस्तो जाण
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सिर सांठे रूँख रहे फिर भी सस्तो जाण उक्ति से हमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारे दायित्व का बोध होता है। उन्होंने कहा कि जम्भेश्वर भगवान एवं मां अमृतादेवी के नेतृत्व में 363 लोगों के बलिदान से समाज को प्रकृति रक्षण की युगोंयुगों तक प्रेरणा मिलती रहेगी।
गहलोत ने कहा आगामी दिसंबर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट होने वाली है, जिससे प्रदेश में बड़े स्तर पर निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। इस समिट से राजस्थान विकास के पथ पर अग्रसर होगा।
विश्व में सर्वप्रथम जम्भेश्वर भगवान ने पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विश्व में सर्वप्रथम जम्भेश्वर भगवान ने पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई। आज भी उनके विचार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पेड़ मां के नाम अभियान का शुभारंभ किया। इससे प्रेरित होकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान में 7 करोड़ वृक्ष लगाने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम अब जन अभियान का रूप ले चुका है।
दिलावर ने राजस्थान सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला,जिसमें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जल,वन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की नीतियों का विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
उद्योग एवं वाणिज्य,युवा मामले और खेल विभाग राज्यमंत्री केके बिश्नोई ने कहा कि इतने तेज चलते जीवन में हमें ठहर कर विचार करने की आवश्यकता है कि हम पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में क्या योगदान दे रहे हैं।
सांसद राजेंद्र गहलोत ने कहा कि हमें न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक संतुलित और स्वस्थ पर्यावरण की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि सागर,नदियाँ,तालाब और अन्य जल स्रोत जो वर्तमान में लुप्त होने की कगार पर हैं या दूषित हो रहे हैं,उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए ठोस और समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।
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ये थे उपस्थित
इस अवसर पर शहर विधायक अतुल भंसाली,स्वामी रामानन्द, स्वामी कृष्णानन्द,प्रधान मुख्य वन संरक्षक महाराष्ट्र शोमिता विश्वास, क्रिकेटर रवि विशनोई,मलखान सिंह बिश्नोई,डॉ.इंद्रा बिश्नोई,ओम प्रकाश बिश्नोई एवं अशोक ओझा सहित जनप्रतिनिधि एवं प्रतिभागी उपस्थित थे।