एम्स जोधपुर में किया राज्य का पहला दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार का सफल उपचार

जोधपुर,एम्स जोधपुर में किया राज्य का पहला दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार का सफल उपचार।एम्स जोधपुर ने एक 9 वर्षीय बच्चे में डिस्टोनिया के दुर्लभ आनुवंशिक रूप का सफलता पूर्वक इलाज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जो राजस्थान में इस तरह की अपनी पहली प्रक्रिया है। बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.लोकेश सैनी, न्यूरोसर्जन डॉ.मोहित अग्रवाल, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ.सर्बेश तिवारी और एनेस्थेटिस्ट डॉ.स्वाति छाबड़ा सहित विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम ने न्यूरोसर्जरी प्रमुख और चिकित्सा अधीक्षक डॉ.दीपक झा तथा दुर्लभ रोग विशेषज्ञ,डॉ. कुलदीप सिंह के मार्गदर्शन में मिलकर काम किया।

यह भी पढ़ें – संभागीय आयुक्त ने किया महात्मा गांधी अस्पताल का निरीक्षण

9 साल का यह बच्चा पिछले पांच साल से ऑटोसोमल डोमिनेंट इनहेरिटेंस के साथ एक विशिष्ट आनुवंशिक उत्परिवर्तन KMT2B के कारण होने वाली बहुत ही दुर्लभ बीमारी प्राइमरी डिस्टोनिया से पीड़ित था। इस स्थिति के कारण उसके शरीर के विभिन्न हिस्से दर्द से ऐंठने लगे,जिससे उसके जीवन की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई। इस बीमारी के लिए आमतौर पर दी जाने वाली दवाओं का बहुत कम असर हुआ,जिसके कारण माता-पिता को एम्स जोधपुर आना पड़ा।

गहन मूल्यांकन और परामर्श के बाद, टीम ने सर्जरी का निर्णय लिया। 15 मई, 2024 को बच्चे को बाइलेटरल पैलिडोटॉमी नामक एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा,जिसे सटीकता के साथ किया गया। इस सर्जरी में असामान्य गतिविधियों के लिए जिम्मेदार विशिष्ट मस्तिष्क क्षेत्रों को न्यूनतम इनवेसिव तकनीकों का उपयोग करते हुए नष्ट किया गया,तथा यह सर्जरी सफल रही।सर्जरी के बाद,डिस्टोनिया की गंभीरता में कमी के साथ बच्चे की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ। उसके बाद से ही उसे लगातार न्यूरोरेहैबिलिटेशन तथा उचित देख भाल प्राप्त हो रही है।

यह भी पढ़ें – आईआईटी जोधपुर ने विकसित की उधोग से निकलने वाले अपशिष्ट जल को साफ करने की नई विधि

यह ऐतिहासिक उपलब्धि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संभव हुई। जिसमे मरीज को मुफ्त सर्जरी की सुविधा मिलती है। जिसकी कीमत आमतौर पर निजी अस्पतालों में 2-3 लाख रुपये होती है। यह पहली बार है जब राजस्थान में किसी बच्चे पर यह प्रक्रिया की गई है। एम्स जोधपुर राजस्थान का एकमात्र सरकारी अस्पताल है जो पार्किंसंस, डिस्टोनिया एवं ट्रेमर्स जैसे गतिशीलता विकारों के लिए व्यापक देखभाल प्रदान करता है। जो बच्चों में ऐसी स्थितियों के इलाज के लिए एक नई मिसाल है।

Related posts:

मारपीट कर दो लाख रुपए छीनने का आरोप

November 20, 2025

सर्विस बुक की अनुपलब्धता पेंशन में बाधक नहीं

November 20, 2025

यूको बैंक एटीएम से शातिरों ने उपकरण लगाकर ग्राहकों के फंसे 9 हजार निकाले

November 20, 2025

पानी की मोटर चुराने के बाद अन्य घटना करने वाले थे: तीन महिला सहित चार गिरफ्तार

November 19, 2025

अवैध बजरी खनन एवं परिवहन में वांटेड गिरफ्तार,टॉप टेन में चयनित

November 19, 2025

कांस्टेबल पर गाड़ी चढ़ाकर जान से मारने की नीयत का मामला: मुंबई की युवती सहित चार गिरफ्तार

November 19, 2025

उत्तर पश्चिम रेलवे को चालू वित्त वर्ष में 4,780 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व

November 19, 2025

आयुर्वेद की शक्ति शास्त्राध्ययन और अनुसंधान में निहित-प्रो.गौड़

November 19, 2025

चुटकियों में धुलने लगी ट्रेन,भगत की कोठी में लगा ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट

November 19, 2025