प्रधानमंत्री ने किया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान राष्ट्र को समर्पित
जोधपुर,प्रधानमंत्री ने किया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान राष्ट्र को समर्पित।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर परिसर राष्ट्र को समर्पित किया गया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर थार मरूस्थल के प्रवेश द्वार पर स्थित है जो कला और संस्कृति की समृद्ध परंपराओं से परिपूर्ण है। यह उत्कृष्ट विचारों का पोषण,ज्ञान का सृजन, संरक्षण और ज्ञान प्रदान करने वाला देश में सबसे तेजी से बढ़ते तकनीकी संस्थानों में से एक है। भाप्रौसं जोधपुर सामाजिक चुनौतियों और आकांक्षाओं के प्रत्युत्तर में बहु-विषयक दृष्टिकोण और परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने वाला एक भविष्य का संस्थान है। यह भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी जोधपुर और एम्स जोधपुर के बीच सहयोग की सराहना करते हुए कहा, आईआईटी जोधपुर और एम्स जोधपुर ने मिलकर मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई संभावनाओं को खोजने के लिए पहल की है। इससे मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।एम्स जोधपुर और आईआईटी जोधपुर केवल राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रीमियर संस्थान बन रहे हैं।इस अवसर पर भाप्रौसं जोधपुर के निदेशक प्रो.शांतनु चौधुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के तकनीकी विकास, अत्याधुनिक अनुसंधान और छात्रों के लिए दिए जा रहे उच्च गुणवत्ता के शिक्षण एवं प्रशिक्षण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। प्रधान मंत्री ने विशेष रूप से चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे प्रयासों, भाप्रौसं जोधपुर और एम्स जोधपुर के बीच साझा प्रयासों की सराहना की, जिसका मुख्य उद्देश्य विविध चिकित्सा चुनौतियों का सामना करने वाले रोगियों को सहायता प्रदान करना है। उन्होंने हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत,जीवंत वातावरण और संस्थान द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री के प्रेरक और उत्साहवर्धक शब्द प्रौद्योगिकी की प्रगति के लिए हमें अथक प्रयास करने एवं हमारे समर्पण को मजबूती प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट स्रोत के रूप में मदद करेंगे। संस्थान सुनियोजित पाठ्यक्रमों के माध्यम से समग्र शिक्षा के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर है,जिसमें नवाचार, सामाजिक जुड़ाव,रचनात्मक समस्या-समाधान,उद्यमशीलता, निष्पक्षता और एक बहु विषयक दृष्टिकोण जैसे तत्वों को शामिल करना इत्यादि शामिल है। संस्थान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके भारत के ‘अमृत काल’ के लिए ‘पंच प्रण’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर द्वारा संचालित अनूठी परियोजनाओं पर प्रकाश डाला।
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ऐसी कुछ क्रियान्वित परियोजनाएं केंद्र ये हैं
-एम्स जोधपुर के सहयोग से चिकित्सा प्रौद्योगिकी में अंतरविषयक नवाचार- उन्मुख कार्यक्रमों सहित बहुविषयक अद्वितीय शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रम।
– कम्प्यूटेशनल सामाजिक विज्ञान और डिजिटल मानविकी में कार्यक्रमों हेतु स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स की स्थापना।
-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आर्ट्स एंड डिजिटल इमर्शन (एडीआई) कला और डिजिटल प्रौद्योगिकियों से उभरते अंतर्संबंधों की खोज का एक भविष्योन्मुखी अनुसंधान केंद्र है। इसका उद्देश्य दृश्य कलाओं जैसे पेंटिंग,मूर्तिकला; प्रदर्शन कलाओं जैसे थिएटर,संगीत,नृत्य और अन्य रचनात्मक कला रूपों में उत्कृष्टता प्राप्त करना है।
-सेंटर फॉर एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (सीईटीई) एक अद्वितीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम संचालित करने के लिए स्थापित है,जिसका उद्देश्य स्कूली शिक्षा से लेकर सभी स्तरों पर शिक्षण,सीखने की प्रक्रिया को मजबूत करना है।
-आयुर्टेक (Ayurtech)उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना,डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सहयोग से अंतरविषयक एकीकृत परिशुद्धता स्वास्थ्य (इंटीग्रेटिव प्रिसिजन हेल्थ)हेतु।
-आत्मनिर्भर भारत,मेक इन इंडिया जैसे अन्य राष्ट्रीय मिशनों के साथ संरेखित विभिन्न पहलों व साझेदारियों के माध्यम से अनुसंधान,नवाचार, विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकी शिक्षा पर जोर।
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इसके अलावा,भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर एक अंतरविषयक दृष्टिकोण के साथ राष्ट्रीय मिशनों के तहत अनुसंधान एवं नवाचार पर ध्यान केंद्रित करके स्वदेशी प्रौद्योगिकी को विकसित करने में विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग कर रहा है,जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन मिशन,आत्मनिर्भर भारत,मेक इन इंडिया,उन्नत भारत अभियान,एक भारत श्रेष्ठ भारत, विज्ञान ज्योति जैसे राष्ट्रीय मिशन शामिल है। संस्थान द्वारा परिसर की स्थिरता हेतु विभिन्न पहलों में स्मार्ट ग्रेडेड जल आपूर्ति ग्रिड,नवोन्मेषी जल सिंचाई प्रणाली,मृदा पुनर्स्थापन, अपशिष्ट पृथक्करण,आर्द्रभूमि पुनर्स्थापन,वनस्पतियों और जीवों का डिजिटल संग्रह,प्राकृतिक वनस्पति स्थानिक विश्लेषण,खंबा कंपोस्टर,जी फिल्टर इत्यादि शामिल है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर राष्ट्र को समर्पित होने पर गर्व महसूस करता है, संस्थान भारत की उल्लेखनीय प्रगति पथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। संस्थान भारत की प्रगति की दिशा में अंतरविषयक दृष्टिकोण को अपनाकर सबसे अग्रणी रहते हुए भविष्य को महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तत्पर रहेगा।
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जानिए हमारे आईआईटी को
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर की स्थापना 2008 में भारत में प्रौद्योगिकी शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। संस्थान भारत के आर्थिक विकास को लाभ पहुंचाने के लिए तकनीकी सोच और कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आइआइटी जोधपुर की तीन प्रेरक शक्तियाँ हैं शिक्षण और सीखने में छात्रवृत्ति,अनुसंधान और रचनात्मक उपलब्धियों में छात्रवृत्ति, और उद्योग के लिए अनुकूल शिक्षा प्रदान करना है। आइआइटी जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 62 पर जोधपुर के उत्तर-पश्चिम में नागौर की ओर 852 एकड़ के अपने विशाल आवासीय स्थायी परिसर से कार्य करता है। इस परिसर को सावधानीपूर्वक नियोजित किया गया है। शिक्षाविदों के प्रतीक के रूप में खड़े होने की कल्पना की गई है। संस्थान और उद्योग संबंधों को मजबूत करने के लिए एक प्रौद्योगिकी पार्क के विकास के लिए स्थायी परिसर जो लगभग 182 एकड़ का है को अलग से रखा गया है। संस्थान प्रौद्योगिकी विकास के बहु विषयक दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध है।इसलिए इसने बुनियादी अनुसंधान के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की है और विभागों के माध्यम से अपनी एकेडमिक डिग्रीगतिविधियों और प्रौद्योगिकी केंद्रों के माध्यम से इसके समन्वित अनुसंधान का आयोजन किया है।
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