कोई भी ऐसी कला नहीं जो नाट्य शास्त्र का अंग न बन सके – कल्ला
- पांच दिवसीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला का शुभारंभ
- अपनी तरह का यह पहला अकादमिक आयोजन
- नाट्यशास्त्र ढाई हजार वर्ष पुरानी भारत की अनमोल विरासत है
जोधपुर, राज्य के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने नाट्य कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर ऑनलाइन बात करते हुए कहा कि संसार की कोई ऐसी कला, ज्ञान, शिल्प,विद्या,योग कर्म नहीं है,जो नाट्य शास्त्र का अंग न बन सके। वे आज शहर के होटल घूमर में पांच दिवसीय राष्ट्र्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला के शुभारंभ पर ऑन लाइन संबोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि संसार में ऐसी कोई भी कला नहीं जो नाट्यशास्त्र का अंग नहीं बन सके। ज्ञान, शिल्प विद्या योग आदि नाट्यशास्त्र के अंग ही है। शहर में कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी और राजस्थान संस्कृत अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 17 दिसम्बर तक कार्यशाला आयोजित होगी। कार्यशाला में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन संबोधन होंगे।
इस राष्ट्र्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में अध्यक्षता कर रहे विश्व विख्यात संस्कृत एवं नाट्य मनीषी प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी ने कहा नाट्यशास्त्र पर केंद्रित पांच दिन की कार्यशाला प्रदेश में अपने ढंग का पहला आयोजन है। नाट्यशास्त्र भारत की अनमोल विरासत है। ढाई हजार साल पहले संस्कृत में रचा गया यह ग्रंथ भारतीय कलाओं का विश्वकोश है तथा साहित्यशास्त्र,सौन्दर्यशास्त्र और नाट्यचिन्तन का भी मूलाधार है।
नाट्यशास्त्र कला की बारीकियां सीखने का अवसर
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रख्यात फिल्म अभिनेता और रंगकर्मी रघुवीर यादव ने कहा कि यह कार्यशाला नाट्यशास्त्र की बारीकियों को समझने का एक बड़ा अवसर है। नाट्य शास्त्र में निहित रस, भाव और भनिति भंगिमाओं के प्रयोग नाट्यकारों को पूर्ण और परिष्कृत बनाते हैं। भारत के अभिनय संसार के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। नाट्यशास्त्र अभिनय का अनुशासन है।
नाट्यशास्त्र का अध्ययन एक महायज्ञ
विषय प्रवर्तन पर संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नाट्यकर्मी रमेश बोराणा ने कहा नाट्य शास्त्र का अध्ययन एक महायज्ञ है,जो हमें कला, सौंदर्य और साहित्य की पूर्णता का फल प्रदान करता है। इसमें संपूर्ण कलाओं के साथ सभी रस पूर्णता के साथ विद्यमान हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव,गायत्री राठौड़ ने कहा यह राष्ट्रीय कार्यशाला नाट्य प्रेमियों, रंग कर्मियों ,शोधार्थियों में एक नए उत्साह का संचार करेगी और कालांतर में यह एक मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम में संगीत नाटक अकादमी के प्रशासक और संभागीय आयुक्त जोधपुर डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि कोरोना कालखंड में राज्य सरकार द्वारा दी जा रही प्रोत्साहन राशि ने बड़े स्तर पर कलाकारों को संबल प्रदान किया है। इस अवसर पर राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा नाट्यशास्त्र कार्यशाला पर प्रकाशित विशेषांक संस्कृत सेतु का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी प्रियदर्शिनी मिश्रा ने किया और राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के सचिव अनिल कुमार जैन ने कार्यक्रम में आगंतुक अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
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