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जोधपुर, एम्स में 3 स्टोरी में बिल्डिंग बन कर तैयार हो चुकी है और इसका एरिया 3040 स्क्वेयर मीटर है। उम्मीद है कि यह एनिमल हाउस इसी वर्ष शुरु हो जाएगा। इसमें फार्मालोजी, माइक्रोबायोलॉजी, पेथोलॉजी, वेटरनी चिकित्सक सहित अन्य विभाग के सदस्य शामिल होंगे।

यहां एनिमल वेलफेयर बोर्ड आकर निरिक्षण करेगा और उसके बाद एनिमल हाउस खोलने की अनुमति दी जाएगी। एम्स परिसर में मोर्चरी के पास बने इस भवन में सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी होगी यहां रहने वाले एनिमल को उपचार, पानी, पेड़-पौधे आदि सुविधाएं भी दी जाएगी। एम्स इसकी परमिशन और रेगयूलेशन की तैयारी कर रहा है।

एम्स में निर्माणाधीन यह ऐनिमल हाउस राजस्थान में सबसे आधुनिक स्तर का पहला ऐनिमल हाउस होगा। यहां सेकेण्ड फ्लोर पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग वायरस जनित बीमारियों के लिए रिसर्च करेगा। ग्राउंड व फस्ट फ्लोर पर फिजियोलॉजी फार्माकोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री एनॉटॉमी जैसे विभाग रिसर्च करेंगे।

ऐनिमल हाउस में जानवरों पर शोध के जरिए एम्स चिकित्सक नई बीमारियों व दवाइयों के शरीर पर नुकसान आदि की गणना करेंगे। इसके अलावा जींस में बदलाव आदि कई विशेषताओं पर शोध होगा। यहां चूहे, खरगोश, मेंढक व बिल्ली सहित कई तरह के जानवरों को लाकर उन पर शोध होगा।

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