मिलावटखोरी के तीन प्रकरण में 6 महीने की जेल व एक लाख अर्थ दंड की सजा
- मिलावटी खाद्य पदार्थो के विक्रय में पाया दोषी
- स्वास्थ्य विभाग को मिली बड़ी सफलता
जोधपुर,निरोगी राजस्थान अभियान के तहत प्रदेश वासियों को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा टीमों द्वारा मिलावटखोरी के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलवंत मंडा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए जहां पर खाद्य प्रयोगशाला में उक्त पदार्थ मिलावटी पाए गए।
इसके पश्चात स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करवाया। जिसकी सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर ने उक्त मिलावटखोरी में लिप्त विक्रेताओं को आरोपी मानते हुए उनके द्वारा जनता के स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर खिलवाड़ करने का कृत्य पाया गया।
मिलावटखोरों का मनोबल तोड़ने व समाज में सकारात्मक संदेश दिया।
न्यायालय ने उक्त तीनों अभियुक्तों को धारा खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत दोषी मानते हुए छ-छ महीने की साधारण कारावास की सजा व एक-एक लाख का अर्थदंड देने का फैसला सुनाया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा ने बताया कि खाद सुरक्षा दल द्वारा मिलावट के संदेह से लिए गए खाद्य पदार्थो के नमूने खाद्य प्रयोगशाला में जांच में फेल होने पर नियमानुसार मैसर्स पार्श्वनाथ ट्रेडिंग कंपनी न्यू बस स्टेंड पीपाड़ से घी, गुंजन रामजी डेयरी ब्रांड के नमूने लेकर कुल 1910 लीटर घी जप्त किया गया था जो जांच में असुरक्षित पाए गए थे।
उक्त फर्म के मालिक संपतराज कांकरिया, इसी फर्म के संतोष जैन तथा मिलावटी घी निर्माता मैसर्स रामजी डेयरी मिल्क फूड प्रोडक्ट इंडिया एच-124 रीको करणी इंडस्ट्रियल एरिया, बीकानेर राजस्थान के निर्माता/मालिक राहुल पारीक व एक अन्य प्रकरण में में पटेल मुकनाराम टी सेंटर, बिलाड़ा के मुकनाराम पटेल को मिलावटी लाल मिर्च पाउडर मामले में दोषी मानते हुए छ माह की जेल मय अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
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