परमहंस किशन गिरी का 19 वां वार्षिक बरसी महोत्सव संपन्न
जोधपुर(डीडीन्यूज),परमहंस किशन गिरी का 19 वां वार्षिक बरसी महोत्सव संपन्न। ईश्वर की प्राप्ति के लिए कठोर साधना करने वाले परमहंस किशन गिरी का 19 वां वार्षिक बरसी महोत्सव का आयोजन महामंडलेश्वर सोमेश्वरगिरी के सान्निध्य में बड़े ही उत्साह,श्रद्धा और आस्था के साथ से मनाया गया।
बरसी महोत्सव को लेकर बिजोलाई बालाजी मन्दिर परिसर को जहां रंगबिरंगी रोशनी से सजाया गया, वहीं महंत किशनगिरी के समाधि को भी फूल मालाओं से सजाया गया। बड़ी संख्या ने श्रदालुओं ने दर्शन का लाभ उठाने के साथ भजन संध्या कार्यक्रम में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी सूर्यनगरी जोधपुर का संबंध भगवान श्रीराम से लेकर भगवान श्रीकृष्णा तक तो रहा ही है,लेकिन यह भी इतिहास के पन्नों में अंकित है कि जोधपुर किसी जमाने में संतों की पवित्र तपोभूमि भी रही है,जहां विभिन्न संतों ने अपने अपने समय में साधना लेकर यज्ञ और विशिष्ट पूजा अर्चना में अपने आप को समर्पित किया हुआ है,यही कारण है कि यहां की तपोभूमि स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा अर्चना किए जाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, उन्हीं में एक नाम है परमहंस किशन गिरी का समाधि स्थल बिजोलाई धाम। यहां समाधि स्थल पर माथा टेक कर मनोकामनाएं मांगने पर वर्षों से मनोकामनाएं पूरी होती आई है इसलिए विशेष तौर पर किशन गिरी की बरसी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं।
जोधपुर के कायलाना तखतसागर की पहाड़ियों के बीच स्थित प्राचीन बिजोलाई बालाजी मन्दिर संतों की तपोभूमि रही है और महंत किशन गिरी ने इसी मन्दिर में तीन दशक से ज्यादा समय तक मानव कल्याण के लिए तप किया था। दो दिवसीय बरसी महोत्सव में जोधपुर शहर के प्रमुख मठ मन्दिरों के साधु संतो के अलावा पूरे राजस्थान से साधु संतों ने शिरकत की।
महामंडलेश्वर सोमेश्वर गिरी ने जयपुर से आई महामंडलेश्वर मनोरमा गिरी का अभिनन्दन करने के साथ उन्हें इस तपोभूमि से अवगत कराया। बरसी महोत्सव के अवसर पर मन्दिर परिसर में विशाल भजन संध्या का आयोजन करने के साथ खड़ाऊ पूजन व अभिषेक भी किया गया और महाप्रसादी का भी आयोजन किया गया। मन्दिर परिसर को दूधिया रोशनी से सजाया गया, ब्रह्मलीन महंत किशनगिरी की समाधि पर सोमेश्वरगिरी व भक्तों की ओर से फूल मंडली भी की गई।