उदयपुर: राज्यपाल ने किया विश्व आयुर्वेद परिषद राष्ट्रीय कार्यशाला के पोस्टर का विमोचन

  • 15-16 सितम्बर को खाटूश्यामजी में होगी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
  • राज्यपाल को दिया मुख्य अतिथि का आमंत्रण
  • नाड़ी ज्ञान एवं विद्धकर्म विषय पर होगी कार्यशाला

जोधपुर/उदयपुर(डीडीन्यूज),विश्व आयुर्वेद परिषद राजस्थान इकाई के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन खाटूश्यामजी में किया जाएगा। विश्व आयुर्वेद परिषद के प्रदेश सचिव डॉ बाबूलाल बराला ने बताया कि राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े को उनके उदयपुर प्रवास पर राष्ट्रीय प्रभारी विद्यार्थी प्रकोष्ठ डॉ किशोरी लाल शर्मा, उदयपुर कालेज ईकाई प्रमुख डॉ अश्विनी शर्मा,कार्यकारिणी सदस्य डॉ पुरूषोत्तम दास शर्मा ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रण दिया। राज्यपाल ने इस कार्यशाला के पोस्टर का विमोचन कराया गया।

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विश्व आयुर्वेद परिषद के चिकित्सक प्रकोष्ठ प्रदेश प्रभारी डॉ पवन सिंह शेखावत ने बताया कि वर्ष 2022 में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में अग्नि कर्म विषयक राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में आए तत्कालीन राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा था कि आयुर्वेद में नाड़ी ज्ञान परम्परा को और विकसित करने की आवश्यकता है,इसके प्रशिक्षण की भी वर्तमान में महती आवश्यकता है। उनकी प्रेरणा से विश्व आयुर्वेद परिषद के द्वारा बड़े स्तर पर नाड़ी ज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

विश्व आयुर्वेद परिषद के तत्वावधान में पूर्व में भी आयुर्वेद चिकित्सकों के कौशल विकास हेतु आयुर्वेद की जनोपयोगी प्राचीन विधाओं को लेकर अनेक प्रायोगिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। विश्व आयुर्वेद परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि पूर्व में अग्नि कर्म, पंचकर्म,विद्ध कर्म,मर्म चिकित्सा आदि विषयों पर कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

खाटूश्यामजी में आयोजित होने वाली कार्यशाला में विख्यात नाड़ी वैद्य विनायक तायड़े जो महाराष्ट्र मुंबई से आकर नाड़ी ज्ञान का प्रायोगिक प्रशिक्षण आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों,शिक्षकों एवं रिसर्च स्कॉलर को देंगे। वात रोगों में विद्ध कर्म की उपयोगिता को देखते हुए उसका प्रायोगिक प्रशिक्षण पुणे महाराष्ट्र के वैद्य अमोल बानसोडे देंगे।

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कार्यशाला में चार सौ आयुर्वेद चिकित्सक सहभागिता करेंगे एवं नाड़ी ज्ञान,विद्धकर्म का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने जानकारी दी की विश्व आयुर्वेद परिषद लगभग 27 वर्षों से सेवा संगठन के रूप में आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी सेवा संगठन है, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद को मुख्य धारा में जोड़कर सेवा भाव के साथ जनहित में कार्य करने का प्रयत्न किया जाता है। आयुर्वेद की प्राचीन विधाएं जो जनोपयोगी हैं, उनका उपयोग आयुर्वेद चिकित्सक अपनी चिकित्सा में कौशल विकास के साथ निरंतर प्रयोग करें।

उन्होंने बताया कि कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु एक आयोजन समिति का गठन किया गया है जिसमें डॉ विनोद कुमार गौतम,डॉ निरंजन गौतम,डॉ जितेन्द्र वर्मा,डॉ महेश इन्द्रा,डॉ जगदीश राजावत,डॉ ऋषि तिवारी, डॉ संजय नागर,डॉ रिड़मलसिंह राठौड़,डॉ हरिराम कटारिया शामिल हैं। कार्यशाला के पंजीकरण प्रारंभ हो चुके हैं।