तीन दिवसीय लोकनृत्य समारोह सम्पन्न
जोधपुर, आदिवासी लोक कलाकारों ने जोधपुर की धरती पर जीवन्त इतिहास रच दिया है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से सोमवार की शाम इस लोक नृत्य संध्या का समापन समारोहपूर्वक हुआ।
संध्या में तीनों दिन 14 राज्यों के आदिवासी लोक कलाकारों ने अपनी नृत्य कला का जादू बिखेर दिया। क़रीब 250 कलाकारों में छत्तीसगढ़ का गौर मारिया,त्रिपुरा का होजागिरी,ओडिसा का गौर,मध्य प्रदेश का गुडुमबाजा,हिमाचल के नाटी, गुजरात का डांगी,राजस्थान का गरासिया,उत्तराखंड का जौनसारी, तेलंगाना का लम्बाड़ी,महाराष्ट्र का सोंगी मुखोटे,लद्दाख का फ्लावर,जे एंड के का गोजरी व सिक्किम के तमांग शैलो नृत्यों ने अविस्मरणीय छाप छोड़ी।
आरम्भ में अकादमी सचिव अनिल कुमार जैन व पटियाला के सचिव जगजीत सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम प्रभारी कमलेश शर्मा ने कोरियोग्राफी की। अकादमी के रमेश कंदोई व अरुण पुरोहित ने संयोजन किया। संचालन प्रमोद सिंघल व बिनाका जैश ने किया।
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