जोधपुर, काजरी में महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने हाल ही में संस्थान के शोध क्षेत्रों का अवलोकन किया।
महापौर ने कृषि के विकास के लिए, मरू क्षेत्र को हराभरा बनाने, पर्यावरण सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबन्धन एवं गांव, किसान की समृद्धि के लिए संस्थान द्वारा किए जा रहे काजरी शोध कार्यो,उपलब्धियों को उपयोगी बताते हुए कहा कि निश्चित ही इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने से खेती में लाभ होगा।
बहुउद्देशीय वृक्षों से पर्यावरण भी स्वच्छ, हरियाली में वृद्धि एवं आमदनी भी मिलेगी। कम कीमत के शेड नेट शेल्टर, पॉली हाउस में हो रही रंगबिरंगी आर्कषक शिमला मिर्च, टमाटर उत्पादन के मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि कम जमीन में ऐसे मॉडल को अपना कर शहरी युवा भी आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने बाजरा बिस्कट एवं बेर की विभिन्न किस्मों का जायका भी लिया तथा वैज्ञानिकों की शोध उपलब्धियों को सराहा।
काजरी निदेशक डॉ. ओपी यादव ने महापौर का स्वागत किया एवं संस्थान में चल रहे शोध कार्यो, गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नवीनतम तकनीक के माध्यम से खेती में खर्चा कम एवं लाभ अधिक होगा।
वर्ष भर कृषि से सतत आमदनी के लिए ऐसे मॉडल विकसित किये ताकि पूरे साल किसानों को इनकम मिलती रहे। संस्थान द्वारा उन्नत बीजों एवं उच्च गुणवत्तायुक्त पौधे ऋतु के अनुसार उपलब्ध करवाए जाते हैं। कृषि व्यवसाय अभिपोषण केन्द्र के प्रभारी डॉ. एके पटेल ने बताया कि केन्द्र द्वारा किसानों, युवाओं के कौशल विकास हेतु विभिन्न प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाता है ताकि वे स्वयं का व्यवसाय कर सकें।
विभागाध्यक्ष डॉ. दिलीप जैन ने सौर उर्जा एवं मूल्य संवर्धन, डॉ. प्रवीण कुमार ने पॉली हाउस एवं गोंद उत्पादन, डॉ. सीबी पाण्डे ने प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन, डॉ. एसके सिंह ने फसलों की विभिन्न प्रजातियों, डॉ. प्रतिभा तिवारी ने तकनीकी हस्तांतरण डॉ.एनवी पाटिल ने पशु प्रबन्धन, एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीसी महाराणा ने भू उपयोग प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आरके गोयल ने जल संयंत्र, डॉ. पीआर. मेघवाल ने फलोउद्यानिकी, डॉ. आरएन कुमावत ने चारा उत्पादन डॉ. प्रदीप कुमार ने संरक्षित खेती के बारे में जानकारी दी।