वीर शिरोमणि मुकनदास खींची की 393वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई
- वीरता,त्याग और स्वामीभक्ति के प्रतीक थे मुकनदास खींची
- संस्कृति सभ्यता के संरक्षक क्षत्रिय’ व ‘यादों का झरोखा’ पुस्तक का किया विमोचन
जोधपुर(डीडीन्यूज),वीर शिरोमणि मुकनदास खींची की 393वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई। वीरता, त्याग और स्वामीभक्ति के प्रतीक वीर शिरोमणि मुकनदास खींची की 393वीं जयंती बुधवार को महाराजा गजसिंह विश्राम गृह राईकाबाग में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
सर्वप्रथम राजराजेश्वरी आशापुरा माताजी और वीर मुकनदास खींची की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पण किया गया।
मारवाड़ी परंपरानुसार अतिथियों का साफा,माल्यार्पण व मोमेंटो भेंट कर स्वागत व अभिनंदन किया गया।समारोह में मुख्य अतिथि जोधपुर सीआईडी उपमहानिरीक्षक अजय सिंह,विशिष्ट अतिथि भाजपा जोधपुर देहात जिलाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह भाटी व आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलगुरु प्रो.प्रदीप कुमार प्रजापति ने समारोह की अध्यक्षता की। कार्यक्रम के मुख्य प्रवक्ता नरपतसिंह राजपुरोहित थे।
वीर शिरोमणी मुकनदास खीची जयंती समारोह के अध्यक्ष करण सिंह उचियारड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि वीर मुकनदास खींची ने मारवाड़ के राज का त्याग कर, स्वामी भक्ति व बहादुरी से महाराजा अजीत सिंह को औरंगजेब की कैद से मुक्त कराया। गौराधाय, जयदेव पुरोहित व दुर्गादास राठौड़ के सहयोग से उन्हें कालंदरी गांव में सुरक्षित रखा गया और बाद में जोधपुर लाकर उन्हें राजगद्दी पर प्रतिष्ठित किया।
मुख्य अतिथि अजयसिंह ने कहा कि ऐसे महापुरुषों की स्मृति आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से जोड़ती है। विशिष्ट अतिथि त्रिभुवन सिंह भाटी ने वीर मुकनदास खींची के त्याग को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता बताई। समारोह की अध्यक्षता कर रहे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि मुकनदास तलवार के धनी थे, जिन्होंने महाराजा अजीत सिंह को सुरक्षित रख उनका पालन-पोषण किया। श्यामसिंह सजाड़ा ने युवाओं से ऐसे आयोजनों में भाग लेने का आह्वान किया।
इस अवसर पर ‘संस्कृति सभ्यता के संरक्षक क्षत्रिय’ और ‘यादों का झरोखा’ पुस्तकों का विमोचन किया गया। ‘संस्कृति सभ्यता के संरक्षक क्षत्रिय’पुस्तक के लेखक रघुनाथसिंह खींची,संपादक गंगासिंह खींची व भंवरसिंह कड़वड़ का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। ‘यादों का झरोखा’पुस्तक के लेखक लोकेन्द्र सिंह खींची (लक्की) को भी मंच पर सम्मानित किया गया।
समापन सत्र में प्रो डूंगरसिंह खींची ने सभी अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। मंच संचालन डॉ.भोमसिंह पातावत ने किया।
समारोह में वीर शिरोमणी मुकनदास खींची जयंती समारोह के अध्यक्ष करणसिंह उचियारड़ा व अर्जुनसिंह उचियारड़ा के माताजी स्वर्गीय लहरकंवर को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।
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समारोह में डॉ.युद्धवीरसिंह,मारवाड़ राजपूत सभा उपाध्यक्ष अर्जुनसिंह रूणकिया,गोपालसिंह रूदिया,प्रो. क्षितिज महर्षि,उदयमंदिर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भंवर हटवाल,अर्जुन सिंह उचियारड़ा,श्यामसिंह सजाड़ा, जब्बरसिंह खेजड़ली,कमांडेंट हनवंत सिंह नारवा,लूणावास खारा सरपंच किशनसिंह सिसोदिया,कानसिंह नांदड़ा,गंगासिंह इंद्रोका,चिमनसिंह घड़ाव,मनोहरसिंह कोरना,डिप्टी कमांडेंट मनोहरसिंह इंद्रोका,मदन सिंह घड़ाव,भंवरसिंह कड़वड़, शिवमंगल सिंह राठौड़,राजेन्द्रसिंह लीलीया,छोटूसिंह इंद्रोका,राजेन्द्र सिंह बारू,शंकरसिंह मेड़तिया, विशनसिंह जकुसिप,प्रेमसिंह घड़ाव, दिलीपसिंह मेलाव,उम्मेदसिंह नारवा व उम्मेदसिंह डाबड़ी सहित अनेक गणमान्य व प्रबुद्धजन उपस्थित थे।