टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को बीमा राशि सहित हर्जाना देने के आदेश
जोधपुर(डीडीन्यूज),टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को बीमा राशि सहित हर्जाना देने के आदेश।राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र कच्छवाहा और सदस्य लियाकत अली ने बीमा कंपनी की अपील सारहीन मानते हुए खारिज कर यह व्यवस्था दी है कि बीमाधारक द्वारा बीमा पॉलिसी लेते वक्त प्रस्तावना प्रपत्र में पूर्व में ली गई बीमा पॉलिसियों में से एक पॉलिसी की जानकारी दे दी जाती है तो अन्य बीमा पॉलिसी की जानकारी नहीं देने पर दावा खारिज नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को बीमा राशि 3 करोड़ 50 लाख रुपए मय 28 सितम्बर 2021 से 9 फीसदी ब्याज, 5 लाख रुपए हरजाना और 25 हजार रुपए परिवाद व्यय परिवादी को अदा करने के आदेश दिए। बीमा कंपनी ने जिला आयोग बालोतरा के गत 20 फरवरी के आदेश के खिलाफ अपील दायर कर कहा कि बीमाधारक ने उनके यहां से बीमा पॉलिसी करवाते समय सिर्फ भारतीय जीवन बीमा निगम से ली गई बीमा पॉलिसी का ही हवाला दिया था,जबकि उन्होंने चार निजी कमानियों से भी बीमा कराया हुआ था,सो जिला आयोग ने परिवाद मंजूर कर गंभीर भूल की है।
परिवादी अनीता गर्ग की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि परिवादी के पति भरत कुमार ने 27 जनवरी 2020 को साढ़े तीन करोड़ रुपए की बीमा पॉलिसी ली थी और इससे पहले भारतीय जीवन बीमा निगम से तीस लाख रुपए की बीमा पॉलिसी ली हुई थी और बाकी की पॉलिसी कुछ अंतराल के बाद ली थी और उनके पति की मोटर दुर्घटना में 28 अक्तूबर 2020 को हुई मौत का दावा अन्य चार पॉलिसी छिपाने के कारण खारिज करने के खिलाफ दायर परिवाद को मंजूर कर कुछ भी गलत नहीं किया है,क्योंकि मृतक ने जीवन बीमा पॉलिसी का जिक्र प्रस्तावना प्रपत्र में किया है।
अधिवक्ताओं की समिति ने की मुख्य न्यायाधीश से भेंट
राज्य उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी की अपील सारहीन मानते हुए खारिज कर व्यवस्था दी कि पूर्व बीमा पालिसियों में से एक भी बीमा पॉलिसी का विवरण देना पर्याप्त है और अन्य पॉलिसी की जानकारी नहीं देने से दावा अदायगी करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में अन्य पॉलिसी बीमा प्रस्ताव से पहले की नहीं है। बीमा कंपनी परिवादी को बीमा राशि साढ़े तीन करोड़ रुपए मय 9 फीसदी ब्याज जो कि सवा करोड़ रुपए होता है,पांच लाख रुपए हरजाना और 25 हजार रुपए परिवाद व्यय अदा करें।