जोधपुर, देश की सीमाओं पर बढ़ते तनाव के बीच पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार युद्धक टैंक हंटर के सफल परीक्षण को लेकर एक अच्छी खबर आई है। इसका सफल परीक्षण इस रेंज में किया गया है। युद्धक टैं क का नाम अर्जुन रखा गया है। इसका सफल परीक्षण भारतीय सेना और डीआरडीओ की तरफ से हुआ है। वैसे इस युद्धक टैंक हंटर किलर के लिए सेना ने कुछ टैंक्स का आर्डर भी जारी किया था। मगर कुछ तकनीकि खामी के चलते ऐसा नहीं हो पाया था। मगर इसके सेना में शामिल होने का रास्ता भी साफ हो गया है।

सोलह साल पहले सेना में हुआ था शामिल
सैन्य सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2004 में सेना में देश में ही निर्मित अर्जुन टैंक को शामिल किया गया था। इस टैंक को काम में लेने के बाद सेना ने इसके उन्नत वर्जन के लिए कई तरह के सुधारों की मांग की। बाद में सेना के सुझावों को शामिल करते हुए हंटर किलर टैंक तैयार किया। मार्च में पोकरण में ही किए गए परीक्षणों में यह खरा उतरा था और सुधार कर चार टैंक भी तैयार करवाए गए थे। इनका बाद में पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण भी हुआ था। इसे रूसी सेना में शामिल टी-90 के समकक्ष तवज्जों दी थी। अर्जुन टैंक को अपने आप में पूर्ण बताया गया है।

पावर क्षमता के साथ ट्रांसमिशन सिस्टम लगाया
सेना के मुताबिक नई मारक क्षमता के इस टैंक हंटर किलर की पावर क्षमता को भी बढ़ाया गया है। इसके अलावा आधुनिक ट्रांसमिशन सिस्टम लगाया गया है। यह अपने लक्ष्य को खुद तलाश कर भेद सकता है।

माइंस को साफ करने में सक्षम
इस हंटर किलर टैंक की एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह रणक्षेत्र में बिछाई गई माइंस को साफ करने में भी सक्षम है। इससे यह आसानी से भी आगे बढ़ सकता है। केमिकल या परमाणु बम के विस्फोट की स्थिति में इसमें लगा अलार्म बज उठेगा। इसकी एक और खासियत यह बताई जाती है कि इस टैंक में कमांडर,गनर,लोडर व चालक का क्रू होगा। जो इन सभी को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।