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एक महत्वपूर्ण पड़ाव से गुजर रहा देश-शेखावत

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री

आबूरोड/जोधपुर,केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जब कोई संस्थान किसी विषय के साथ जुड़ता है तो निश्चित ही वह विषय जन आंदोलन का रूप लेता है। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने भी जन आंदोलन बनाने में बहुत प्रभावी भूमिका तय की है।

माउन्ट आबू में रविवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत शांतिवन में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। अपने संबोधन में शेखावत ने कहा कि हमारा देश एक महत्वपूर्ण पड़ाव से गुजर रहा है। हम देश की आजादी के 75 वर्ष से गुजर रहे हैं। एक व्यक्ति के जीवन में 75 वर्ष बहुत बड़ा कालखंड हो सकता है लेकिन एक राष्ट्र के जीवन में यह एक छोटे बिंदु जैसा होगा। 75 वर्ष का यह पड़ाव, जिसे प्रधानमंत्री ने अमृत वर्ष की संज्ञा दी है,हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करता है। जो कर्तव्य हमारे प्राणी मात्र,परिवार, समाज, राष्ट्र, प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हैं उन सब पर एक बार पुनर्विचार करने का अवसर भी प्रदान करता है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री के अमृत वर्ष के संदेश के साथ जुड़ने का संकल्प लिया। मुझे बताया गया कि संस्थान के 15,000 कार्यक्रम वर्षभर में होंगे,ऐसी कल्पना की थी लेकिन सौभाग्य की बात है कि केवल 3 महीने के कालखंड में उन 15,000 कार्यक्रमों को आयोजित कर लिया गया है।

जल के विषय पर चर्चा करते हुए शेखावत ने कहा कि मुझे बताया गया कि इस परिसर में उपयोग में ली गई प्रत्येक बूंद को रि-साइकिल कर पुनः इस्तेमाल में लिया जाता है। हमें इस तरह की व्यवस्थाओं को और आगे बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है,क्योंकि सृष्टि को बचाए रखने के लिए किसी एक तत्व को सबसे पहले बचाने की आवश्यकता है तो वह जल है। उसके बाद जंगल और पहाड़ हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि इस संस्थान ने एक वर्ष में 75 लाख वृक्ष लगाने की संकल्पना की है।

ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय से अपने जुड़ाव की चर्चा करते हुए शेखावत ने कहा कि इस मिशन से जुड़ी बहनों के साथ में मेरा सतत संपर्क रहा है। मेरे बाल्यकाल में मेरी माताजी भी ब्रह्माकुमारी बहनों के संपर्क में थीं। यही कारण है कि अनेक वर्षों से मेरे मन में यह था कि मुझे एक बार अवश्य इस पवित्र स्थान पर जाकर यहां व्याप्त ऊर्जा को अनुभव करना चाहिए। शेखावत ने दिल छू लेने स्वागत और अपनेपन के लिए संस्थान के प्रत्येक सदस्य का आभार जताया।

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