Retinopathy of prematurity surgery of 34 week old baby in AIIMS Jodhpur

एम्स जोधपुर में 34 सप्ताह के शिशु की रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी सर्जरी

राजस्थान में पहली बार हुआ

जोधपुर,एम्स जोधपुर में 34 सप्ताह के शिशु की रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी सर्जरी। राजस्थान में पहली बार रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी (ROP) की सफल सर्जरी कर जोधपुर एम्स ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

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नेत्र रोग विभाग ने 34 सप्ताह के शिशु की ROP स्टेज 4B का उपचार करते हुए स्क्लेरल बकलिंग प्रक्रिया को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। यह स्थिति समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं में होती है,जिसमें रेटिना पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता और समय पर उपचार न मिलने पर रेटिना के अलगाव जैसी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

ROP बच्चों में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है,जिसमें नियोवेस्कुलराइजेशन और अंततः रेटिना का अलगाव जैसी गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं। इन जटिलताओं से बचने के लिए समय पर जांच और उपचार आवश्यक होता है। एम्स जोधपुर के नेत्र रोग विभाग में प्रोफेसर डॉ.कविता आर. भटनागर के मार्गदर्शन में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.मंजरी टंडन और उनकी टीम ने यह सफल सर्जरी की। यह प्रक्रिया समय से पहले जन्मे शिशु में की गई राजस्थान की पहली सर्जरी है,जिसे स्क्लेरल बकलिंग तकनीक द्वारा अंजाम दिया गया।

सर्जरी के दौरान शिशु की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. अंकुर शर्मा ने किया। वर्तमान में शिशु की स्थिति है और उसका नियमित फॉलो-अप किया जा रहा है।

यह ऐतिहासिक सर्जरी एम्स जोधपुर की नवजात देखभाल और नेत्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसने चिकित्सा के क्षेत्र में संस्थान की अग्रणी भूमिका को और मजबूत किया है।