सूचना शिक्षा एवं शांति के अहम पैरोकार थे राजीव गाँधी-डॉ.भरत कुमार
- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी का आयोजन
- राजीव गांधी आधुनिक भारत के निर्माता थे
जोधपुर(डीडीन्यूज),सूचना शिक्षा एवं शांति के अहम पैरोकार थे राजीव गाँधी-डॉ.भरत कुमार। जिला कांग्रेस कार्यालय में राजीव गाँधी की पुण्य तिथि पर “सशक्त भारत के निर्माण में राजीव गाँधी की भूमिका” पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षाविद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.भरत कुमार ने व्याख्यान दिया।
डॉ.कुमार ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्रांति के जनक राजीव गांधी थे। राजीव गांधी के कारण भारत में तार से बेतार की यात्रा के रुप में मोबाइल,इंटरनेट,कंप्यूटर क्रांति संभव हो पाई। राजीव गांधी ने सूचना क्रांति से ही भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखने तथा आतंरिक शांति को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राजीव-लोंगोवाल समझौता,असम एवं मिजोरम शांति समझौते के माध्यम से भारत के तीनों अशांत राज्यों में स्थायी शांति बहाल की। स्थायी शांति बहाली के लिए असम में कांग्रेसी की निर्वाचित सरकार को भंग कर चुनाव करवाने से भी गुरेज नहीं किया। आंतरिक शांति के लिए राजीव गाँधी के प्रयासों की तरह वर्तमान सरकार को भी मणिपुर में शांति बहाली का प्रयास करना चाहिए।
डॉ.भरत कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा कि राजीव न केवल आंतरिक शांति के पैरोकार थे बल्कि विश्व शांति एवं भारत की सुरक्षा के भी अहम पैरोकार थे। राजीव ने परमाणु हथियारों के निषेध के लिए अंतर्राष्ट्रीय पहल की तथा भारत के पड़ोसी राज्यों के भारत संबंध स्थापित करने के लिए सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) संगठन का निर्माण किया। भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए वैदेशिक हथियारों को राजीव ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण कर शिक्षा को आधुनिकीकरण से जोड़ा।
राजीव की ही सोच थी जिसके माध्यम से प्रत्येक जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय का निर्माण हुआ। विद्यालय तक न पहुंचने वाले विद्यार्थीयों के लिए दूरस्थ शिक्षा के रुप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का निर्माण किया। कामकाजी नागरिकों के लिए प्रौढ़ शिक्षा अभियान की शुरुआत की तथा पारम्परिक शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया।
राजीव गाँधी ने ‘पावर टू द पीपल’ आइडिया को देश की पंचायती राज व्यवस्था को लागू करवाने की दिशा में कदम बढ़ाकर देश के लोकतंत्र को सशक्त बनाने का काम किया। इस संवैधानिक व्यवस्था के तहत पंचायती राज संस्थानों के चुनाव अनिवार्य रुप से आयोजित करने तथा महिलाओं को तैंतीस प्रतिशत आरक्षण की नींव रखी। राजीव ने युवाओं के लिए मतदान की उम्र भी 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
राजीव गांधी ने आध्यात्मकिता की पहल के तहत पहली बार रामायण जैसे सीरीयल का दूरदर्शन द्वारा निर्माण करवाया तथा कलाकारों के सम्मान का मार्ग प्रशस्त किया। ‘इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज’’,यानी ‘इनटेक’ (आईएनटीएसीएच) की स्थापना के माध्यम से देश की नदियों की पवित्रता एवं सफाई का मार्ग प्रशस्त किया। राजीव ने गंगा को भारत की राष्ट्रीय नदी भी घोषित किया।
राजीव गाँधी विपक्ष के नेताओं का भी बेहद सम्मान करते थे राजीव की शहादत पर अटल बिहारी वाजपेई ने कहा कि लोगों ने शिकायत की कि एक ही परिवार के हाथ में सत्ता दी जाती है लेकिन वह परिवार ऐसा है कि मौत की कसौटी पर कसा जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेई ने कहा कि मेरे इलाज के लिए के लिए राजीव गांधी ने अमेरीका में व्यवस्था की तथा इसका जिक्र किसी से न करने को कहा। राजीव के प्रयासों के कारण ही आज में स्वस्थ हूँ।
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ऐसे आधुनिक भारत के निर्माता राजीव गाँधी की पुण्यतिथि पर राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन द्वारा व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन जिला अध्यक्ष शैलजा परिहार ने दिया। व्याख्यान कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री राजेन्द्र सोलंकी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सलीम ख़ान,नरेश जोशी, महापौर कुंती देवड़ा,पूर्व विधायक मनीषा पंवार,कीर्ति भील, ब्लॉक अध्यक्ष भंवर हटवाल, सेवा दल अध्यक्ष हेमंत शर्मा,पंचायती राज संगठन के प्रदेश महासचिव संदीप मेहता,प्रदेश सचिव बाबू देवी,प्रदेश सचिव भारत आसेरी, भूपिंदर बोस,सीता चौधरी,किरण नवल,सुरेश सरगरा,प्रेम प्रकाश, भंवरलाल कड़वा,लक्ष्मण परिहार जितेंद्र राजपुरोहित हरेन्द्र सिंह राठौड़ वो आदि मौजूद रहा। कार्यक्रम का संचालन फ़रज़ाना चौहान किया गया तथा आभार जिला महासचिव दानिश फौजदार ने व्यक्त किया।