राजस्थान: झालावाड़ में स्कूल की छत ढहने से 7 बच्चों की मौत 21 घायल
- 9 बच्चों की हालत गंभीर
- कक्षा में 35 बच्चे दब गए थे
झालावाड़(डीडीन्यूज),राज्य के झालावाड़ में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 8 बच्चों की मौत हो गई और 21 घायल हो गए जिसमें से 9 की हालत गंभीर है। मनोहर थाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी स्कूल की क्लास में शुक्रवार सुबह बच्चे बैठे थे,तभी कमरे की छत ढह गई और 35 बच्चे दब गए थे।
पता चलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए,मलबा हटाकर बच्चों को निकाला और तुरंत अस्पताल पहुंचाया। हॉस्पिटल के अनुसार 5 बच्चों की मौत मौके पर ही हो गई थी,जबकि 2 ने इलाज के दौरान दम तोड़ा।
हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य मंत्री भजनलाल शर्मा,जोधपुर सांसद और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दुःख व्यक्त किया है। मामले में शिक्षा विभाग ने स्कूल की हेड मास्टर सहित 5 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। घटना की जिम्मेदारी के सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा जिम्मेदार तो मैं ही हूं।
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में सुबह से बारिश का दौर चल रहा था। स्कूल में जब प्रार्थना का समय हुआ तो सभी क्लास के बच्चों को ग्राउंड में इकट्ठा करने की बजाय कमरे में बैठा दिया,ताकि वे बारिश में भीगे नहीं। इसके कुछ ही देर बाद छत गिर गई और 35 बच्चे दब गए।
ग्रामीणों का कहना है कि इस स्कूल में कुल 7 कक्षा कक्ष हैं, दुर्घटना के समय स्कूल के कक्षा में 35 बच्चे और 2 शिक्षक भी मौजूद थे,लेकिन वे हादसे के समय बिल्डिंग से बाहर थे,जिससे वे सुरक्षित हैं।
दुर्घटना में 7 बच्चे पायल (12) पुत्री लक्ष्मण,प्रियंका(12)पुत्री मांगीलाल, सतीश पुत्र हरकचंद,हरीश (8) पुत्र बाबूलाल,कान्हा पुत्र छोटूलाल, कुंदन (12) पुत्र बिरम,मीना (13) पुत्री छोटूलाल की मौत हुई है।
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छात्रा वर्षा राज क्रांति ने बताया कि छत गिरने से पहले कंकड़ गिर रहे थे,बच्चों ने बाहर खड़े टीचर्स को इसकी जानकारी दी,लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान ही नहीं दिया और थोड़ी देर बाद ही छत गिर गई। स्कूल के कुक व हेल्पर श्रीलाल भील ने बताया कि लगभग 3 दिन पहले स्कूल की 10 दिन के लिए छुट्टी करने की बात सामने आई थी, लेकिन एक दिन की छुट्टी के बाद स्कूल फिर खोल दिया गया।
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि जो भी जर्जर भवन हो वहां स्कूलों की छुट्टी कर दी जाए,लेकिन खुद कलेक्टर कह रहे हैं कि न तो यह स्कूल जर्जर भवन की सूची में था और न ही यहां बच्चों की छुट्टी की गई।