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ट्रेनों में डॉक्टर बनकर इलाज करता और फिर जेवरात एवं नगदी चुराकर ले जाता,शातिर गिरफ्तार

-मध्यप्रदेश,गुजरात,दिल्ली,महाराष्ट्र्र एवं राजस्थान सहित छह राज्यों का वांछित है अपराधी

जोधपुर,ट्रेनों में सफर के समय यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर जेवरात नगदी चुराने वाले शातिर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र प्रदेशों में वांछित था। अब उससे पूछताछ चल रही है। राजकीय रेलवे पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना ने बताया कि वांछित अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए वृताघिकारी प्रेमसिंह राजपुरोहित,निरीक्षक महेश श्रीमाली के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।

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पुलिस की टीम ने 31 जुलाई 21 के एक प्रकरण में वांछित चल रहे अभियुक्त मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित रूणेजा निवासी बाबू खां पुत्र भूरे खां को पकड़ा। आरोपी को पकडऩे के लिए तकनीकि आधार का सहारा लेकर उसका प्रतापगढ़,आगरा, यूपी, लखनऊ,गोरखपुर,कुशीनगर उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली तक पीछा किया गया।

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ऐसे करता था वारदात
एसपी रेलवे पूजा अवाना ने बताया कि अभियुक्त द्वारा अपने आप को स्टेण्डर्ड एवं सज्जन व्यक्ति शो करने के लिये सफारी सूट पहनकर रेलवे स्टेशनों,बस स्टैण्ड व चलती ट्रेनों में अकेले यात्रियों को डॉक्टर मिश्रा बनकर दोस्ती करता है। अपने आप को डाक्टर बताते हुए यात्रियों की छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज बताकर दोस्ती करता है। दोस्ती करने के बाद स्वयं के रुपयों से यात्री से चाय मंगवाता है। चाय के बाद खुद नमकीन लाने का कहकर मिक्सर नमकीन लाता है, फिर मिक्सर नमकीन हाथ में लेकर इसमें ड्यूलॉक्स की गोली मिलाकर कर यात्री को नमकीन के साथ खिला देता जिससे यात्री का पेट खराब हो जाता है। यात्री द्वारा गोली का सेवन करने से यात्री को दस्त लग जाती है। यात्री अपनी दस्त की परेशानी बताता है तो अभियुक्त द्वारा डॉक्टर होने का फायदा उठाकर उस यात्री को अल्फ्रेक्स 0.5 एमजी जो विकासूल कैप्सूल में मरी हुई रखता है (विकासूल कैप्सूल के कवर में भरी अल्फ्रेक्स की पांच गोलिया का पाउडर) जो यात्री को खिला देता। नशीली गोलियां खाने से यात्री को नींद आने लगती है। नींद आने पर यात्री को चद्दर आदि बिछाकर कर सुला देता, फिर यात्री के पास जो रुपये,जेवरात कीमती आइटम होते है उसे चोरी कर चला जाता है।

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फर्जी सिम का की-पेड रखता है
पुलिस निरीक्षक रेलवे महेश श्रीमाली ने बताया कि अपराधी बहुत ही शातिर है। अपराधी अपने पास फर्जी सिम का की-पेड मोबाइल रखता है। जो पुलिस के पकडऩे के भय से महीने में एक दो बार ही चालू रखता है। मुल्जिम अपने स्थाई पते एवं परिवार के पास नहीं रहता है। आरोपी ने अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया है और न ही इसके नाम से कोई बैंक अकाउंट है और कभी भी अपने नाम से सिम जारी नही करवाई है। वह अपनी जगह बदलता रहता है तथा समस्त भारत में अपराध करने की नीयत से घूमता रहता है। अपने शौक मौज पूरी करने के लिये वारदातों को अंजाम देता है। अपने आप को स्टेण्डर्ड दिखने लोगो में विश्वास पैदा करने के लिये हमेशा सफारी सूट पहनता है।

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तिहाड़ जेल में रह चुका,डिस्पेंसरी में सीखा 
वृत्ताधिकारी प्रेमसिंह राजपुरोहित ने बताया कि हर वारदात करने से पूर्व डाक्टर बनकर यात्रियों से मित्रता करता है। डाक्टर बनने से यात्री उस पर आसानी से विश्वास कर लेते हैं अपराधी तिहाड़ जेल में बन्द रहने के समय जेल डिस्पेंसरी में रहकर चिकित्सा सम्बन्धी कार्यों में अच्छी जानकारी रखता है। उक्त चिकित्सा जानकारी का फायदा उठाकर यात्रियों को बातों में उलझाता है और यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर अपराध करता है।

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इस प्रकार है आपराधिक रिकार्ड
अभियुक्त के विरुद्ध जीआरपी थाना अहमदाबाद के तीन प्रकरणों में स्थाई वारण्ट,जीआरपी थाना राजकोट के दो प्रकरणों में स्थाई वारण्ट जारी होने के साथ ही जीआरपी रतलाम के दो प्रकरणों में स्थाई वारण्ट जारी है। इसके अलावा पुलिस थाना भीमगंज मण्डी जिला कोटा के एक प्रकरण में फौजदारी में स्थाई वारण्ट जारी हो रखा है। अभियुक्त वर्ष 2015 से 2017 तक रतलाम जेल में न्यायिक अभिरक्षा में रहा है। वर्ष 2020 से 2021 तक साबरमती जेल में न्यायिक अभिरक्षा में रहा है।

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