इंदिरा रसोई योजना से लोग हो रहे लाभांवित

जोधपुर, प्रदेश में कोई भी भूखा ना रहे की थीम के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में शुरू की गई इंद्रा रसोई योजना नगर निगम क्षेत्र में भी काफी उपयोगी साबित हुई है, जहां प्रदेश में अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों को इंद्रा रसोई के माध्यम से भोजन कराया जा चुका है। जोधपुर में भी अब तक साढ़े पांच लाख से अधिक लाभार्थियों को भोजन कराया जा चुका है। नगर निगम उत्तर आयुक्त रोहिताश्व तोमर ने बताया कि इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर जोधपुर शहर में कुल 16 जगहों पर इंद्रा रसोई योजना की शुरुआत की गई थी। जोधपुर नगर निगम उत्तर में आठ स्थानों पर इंद्रा रसोई का संचालन किया जा रहा है। तोमर ने बताया कि नगर निगम उत्तर में चल रही इंद्रा रसोई में अब तक करीब 3 लाख लोगों को भोजन कराया जा चुका है, नगर निगम दक्षिण आयुक्त डॉ.अमित यादव ने बताया कि नगर निगम दक्षिणी क्षेत्र में 8 जगहों पर इंद्रा रसोई योजना का संचालन हो रहा है और इंद्रा रसोई में पिछले साढ़े तीन महीने में करीब 2 लाख 60 हजार लाभार्थियों को भोजन कराया जा चुका है।

क्वालिटी व शुद्धता का रखा जाता है विशेष ध्यान
नगर निगम आयुक्त रोहिताश्व तोमर ने बताया कि इंद्रा रसोई योजना के संचालन में भोजन की क्वालिटी साफ-सफाई हाइजीन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रसोई की व्यवस्थाओं को जांचने के लिए प्रत्येक रसोई के प्रभारी अधिकारी बनाए गए हैं जो आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते हैं,यदि कहीं व्यवस्था में कमी पाई जाती है तो संचालकों को इन व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं। नगर निगम दक्षिण के आयुक्त डॉ.अमित यादव ने बताया कि वर्तमान में चल रहे कोरोना के संक्रमण को देखते हुए प्रत्येक इंद्रा रसोई पर विशेष प्रबंध किए गए हैं। मास्क पहनकर नही आने वालों को निगम की ओर से मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है, हाथों को सेनेटाइज़ेशन करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाकर उन्हें भोजन करवाया जाता है।

अब तक 38 लाख रुपए का किया जा चुका भुगतान 
नगर निगम आयुक्त उत्तर रोहिताश्व तोमर ने बताया कि पिछले साढे 3 महीने में नगर निगम की ओर से इंद्रा रसोई संचालकों को करीब ₹36 लाख का भुगतान किया जा चुका है। नगर निगम उत्तर क्षेत्र में संचालित होने वाली आठ इंद्रा रसोई को 19 लाख नगर निगम दक्षिण में संचालित हो रही को 8 इंद्रा रसोई को करीब 19 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। नगर निगम आयुक्त डॉ. अमित यादव ने बताया कि भुगतान की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है ताकि भुगतान प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बनी रहे।

प्रदेश के टॉप 5 में दोनों नगर निगम

नगर निगम आयुक्त उत्तर रोहिताश्व तोमर ने बताया कि इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से लाभार्थियों को भोजन करवाने में उत्तर नगर निगम प्रदेश के सभी निगमों में दूसरे स्थान पर रहा है, नगर निगम आयुक्त दक्षिण डॉ. अमित यादव ने बताया कि नगर निगम दक्षिण पूरे प्रदेश में चौथे स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि इस प्रयास को लगातार जारी रखा जाए।

योजना में लोगों ने भी निभाई जन सहभागिता
नगर निगम आयुक्त उत्तर रोहिताश्व तोमर ने बताया कि शहर के लोगों ने इंद्रा रसोई की महत्वकांक्षी योजना में आमजन भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। कई बार लोगों ने लाभार्थियों को निशुल्क भोजन करवाया।

अन्नपूर्णा रसोई योजना से बिल्कुल अलग है इंदिरा रसोई योजना
जहां अन्नपूर्णा रसोई योजना में लाभार्थियों को मोबाइल वैन में खाना खुले में खिलाया जाता था, वहीं इंदिरा रसोई में स्थाई रसोइयों में सम्मान पूर्वक भोजन कराया जाता है। जहां अन्नपूर्णा रसोई योजना पूर्णतः केंद्रीकृत थी, एक ही ठेकेदार को संपूर्ण कार्य दिया हुआ था, वहीं इंदिरा रसोई योजना पूर्णता विकेंद्रीकृत है। इसका संचालन स्थानीय प्रतिष्ठित संस्थाओं, एनजीओ के माध्यम से संचालन किया जा रहा है। इन एनजीओ का चयन भी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति द्वारा किया गया है। जहां अन्नपूर्णा रसोई में रसोई संचालक को ₹20 प्रति थाली राजकीय अनुदान था, वहीं इंदिरा रसोई में ₹12 प्रति थाली राजकीय अनुदान है। जहां अन्नपूर्णा रसोई संचालक द्वारा लाभार्थी को निजी अंशदान प्राप्त कर राजकीय अनुदान प्राप्त कर लिया जाता था, वहीं इंदिरा रसोई में ऐसा नहीं है। इंद्रा रसोई में दानदाता को लाभार्थी का अंशदान व राजकीय अनुदान दोनो देना होता है।

Similar Posts