(अनिल कुमार सिंह की कलम से ) 

  • 14 हजार घोसले लगवा चुके इकबाल सौदागर 
  • विश्व गौरैया दिवस पर विशेष

जोधपुर, प्रकृति की सेवा का जोश, जुनून, जज्बा और जिद अगर आप में है तो दुनिया की कोई भी ताकत आप को रोक नहीं सकती। सेवा के रास्ते में धर्म भी आड़े नहीं आती। अगर कोई व्यक्ति जोधपुर के कायलाना की पहाड़ियों में स्थित धार्मिक परिसरों में हरिओम-हरिओम के शब्दों से आपका अभिवादन कर रहा हो तो उसके धर्म के प्रति कोई संदेह नहीं रह जाता।

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शुद्ध शाकाहारी इकबाल सौदागर से सुबह कायलाना की पहाडियों में मेरी मुलाकात हुई और उन्होंने हरिओम कह कर मेरा अभिवादन किया तो मेरे मन में उनके धर्म के प्रति कोई ख्याल ही नहीं आया। ऐसे नाम तो सिक्ख भी रखते हैं।

गायों को पानी के लिए नाद,टंकी भी बनवा रहे

इकबाल भाई चिड़िया को पानी के लिए हजारों परिंडे लगवा चुके हैं। छोटी चिड़ियों के लिए 14 हजार घोसले लगवा चुके हैं। उनका लक्ष्य एक लाख एक हजार घोसले लगवाने का है। गायों को पानी के लिए नाद (छोटी टंकी) भी बनवा रहे हैं।

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सुबह पहुंच जाते हैं कायलाना

इकबाल सौदागर सुबह साढ़े पांच बजे कायलाना की पहाड़ियों में पहुंच जाते हैं। वहां पहुंचते ही शुरू हो जाता है, गायों को हरा चारा, कुत्तों को दूध, बिस्कुट व रोटी, बंदरों को केले और चिड़ियों को दाना देने और पानी की व्यवस्था करने का कार्य। सौदागर सेवा संस्था के इस कार्य में प्रतिदिन कई युवक और समाजसेवी सहयोग करते हैं।

गौशाला खोल गायों की सेवा करना चाहते हैं

जोधपुर शहर में पुरानी कारों के बड़े व्यापारियों में शुमार इकबाल सौदागर की इच्छा आने वर्षों में व्यापार समेटकर गौशाला खोलने और गायों की सेवा करने की है।