पूर्णिमा और प्रतिपदा के श्राद्ध पर पवित्र जलाशयों में किया तर्पण
पितृपक्ष श्राद्ध आरंभ
जोधपुर,भारतीय परंपरानुसार हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से कृष्ण पक्ष अमावस्य तक श्राद्ध पक्ष मनाया जाता है। यह इस बार 10 से 25 सितंबर तक है। सनातन संस्कृति में घर पर सुख शांति बनी रहे इसके लिए अपने दिवंगतों और पूर्वजों की याद में श्राद्ध कार्य किया जाता है। शनिवार को श्राद्ध पक्ष आरंभ होने के साथ ही पूर्पिमा का श्राद्ध मनाया गया। सुबह से ही शहर के पवित्र जलाशयों में पितरों की शांति के लिए तर्पण कार्य पंडितों द्वारा संपन्न करवाए गए। अपरान्ह साढे तीन बजे तक पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध था, तत्पश्चात प्रतिपदा का श्राद्ध कार्य किया गया।
शहर के हाथी नहर, अरणा झरणा, देवकुंड आदि जगहों पर सुबह श्राद्ध कार्य आरंभ हुआ। तर्पण कार्य संपन्न होने के बाद पंडितों को श्रद्धानुसार दान दक्षिणा भी प्रदान की गई। प्रथम ग्रास कौवों को निकालने के बाद घर के लोगों ने अपने रिश्तेदारों को आमंत्रित किया। इस बार 17 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं है, इसलिए सप्तमी तिथि का श्राद्ध 16 सितंबर एवं अष्टमी का श्राद्ध 18 सितंबर को मनाया जाएगा। आगामी 25 सितंबर तक शहर के पवित्र जलाशयों में श्राद्ध पक्ष कार्यों को संपन्न कराया जाएगा। 26 सितंबर को मातामह या नाना का श्राद्ध दिन रहेगा।
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