दुर्गाष्टामी पर घर घर हुआ कन्या पूजन

कन्याओं को उपहार भेंट किए

जोधपुर, शारदीय नवरात्र पर शहर में बुधवार को दुर्गाष्टमी पर कई जगहों पर धार्मिक आयोजन हुए। घरों में कन्याओं का पूजन के साथ उन्हें उपहार भी भेंट किए। कन्या पूजन को लेकर सुबह से ही घरों मेें चहलपहल शुरू हो गई। लोगों ने नवरात्र पर व्रतोपवास रखकर होमाष्टमी पर कन्याओं का पूजन किया। देवी मंदिरों में जहां होमाष्टमी पर हवन कार्यक्रम के साथ विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की गई तो घरों में भी होमाष्टमी पर हवन कार्यक्रम हुए।

दुर्गाष्टामी पर घर घर हुआ कन्या पूजन

शहर के मेहरानगढ़ स्थित मां चामुण्डा मंदिर में सुबह से होमाष्टमी का हवन चलता रहा। मगर श्रद्धालुओं के आने पर पहले से ही रोक लगी थी। ऐसे में देवी भक्त जहां दर्शन लाभ नहीं ले सके वहीं होमाष्टमी में हवन भी शामिल नहीं हो पाए। इधर घरों में सुबह से ही हवन और धार्मिक क्रियाकर्म हुए। व्रती महिलाओं और पुरूषों ने गली गली घूमकर कन्याओं को अपने-अपने घरों में न्यौता दिया। जहां पर कन्याओं का पूजन के साथ उन्हें भेंटस्वरूप उपहार प्रदान किए गए, फलादि भी वितरित किए गए। शहर के सरदारपुरा बी रोड व्यापार संघ के अध्यक्ष राजेंद्र सोनी के अनुसार जय मातादी सेवा समिति और व्यापार संघ सरदारपुरा बी रोड की तरफ से 108 कन्याओं का महाआयोजन हुआ। महाप्रसादी के साथ एक साथ 108 कन्याओं का पूजन पंडितों द्वारा संपन्न करवाया गया। इस अवसर पर समिति और व्यापार संघ से जुड़े कई पदाधिकारियों ने कन्याओं का पूजन कर आशीष लिया।

रामनवमी गुरूवार को दशहरा 15 को

बुधवार को शहर में होमाष्टमी के साथ कल गुरूवार को रामनवमी मनाई जाएगी। नवरात्र के नौ दिन गुरूवार को पूर्ण होंगे। इस अवसर पर देवी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के साथ धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। 15 अक्टूबर को भी नवमी और दसमीं तिथि शामिल होने से इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा। मगर इस बार कोविड के चलते फिर से रावण दहन नहीं हो पाएगा। मेहरानगढ़ से भगवान राम की सवारी नहीं निकल पाएगी और ना ही अस्त्र शस्त्रों का पूजन हो पाएगा।

चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड और कुड़ी में भी दशहरा पर रावन दहन को लेकर संशय

देखा जाए तो प्रशासनिक स्तर पर इस बार नगर निगम ने कोविड संक्रमण की आशंका में दशहरा महोत्सव स्थगित रखा है। शहर में चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड में नंदनवन और कुड़ी सेक्टर 2 में प्रतिवर्ष रावण दहन होता आया है। मगर इस बार भी यहां पर संशय के बादल बने हैं। देखा जाए तो शहर की कई फुटपाथों पर रावण और उसके परिजन के पुतले बिकने के लिए तैयार खड़े हैं। मगर कोई खरीददार भी सामने नहीं आ रहे हैं।

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