संगीत में ताल एक चिंतन-सतीश बोहरा

40वीं राष्ट्रीय ऑनलाइन संगीत संवाद

जोधपुर,राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार की ओर से ऑनलाइन संगीत संवाद की 40वीं कड़ी में जोधपुर के संगीतज्ञ पंडित सतीश बोहरा का व्याख्यान रखा गया, जिसका विषय था ताल एक चिंतन।

राष्ट्रीय संगीत संवाद के सूत्र संचालक थे डॉ राहुल स्वर्णकार सहायक आचार्य तबला डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, महासचिव सुषमय मिश्रा, महानिदेशक पंडित देवेंद्र वर्मा “बजरंग” वरिष्ठ संगीत आचार्य दिल्ली उपस्थित थे व देश भर से कई विद्वतजन व छात्र छात्राओं ने इसमें भाग लिया। प्रश्नोत्तरी भी इस कार्यक्रम का एक हिस्सा रही।
सतीश बोहरा ने व्याख्यान के प्रारंभ करने से पूर्व ताल को परिभाषित किया और ताल की परिभाषा से उसके महत्व को संगीत में साधक पूर्ण महत्व दे सके इसके लिए उन्होंने अनेक उदाहरण सामने रखें।

संगीत में ताल एक चिंतन-सतीश बोहरा

उन्होंने बताया कि पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर मानव की उत्पत्ति तक एक नापने का क्रम अनवरत रूप से चलता रहता है। इस नापने की क्रिया को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग प्रयोगों में अलग-अलग संज्ञा से दर्शाया जाता है। जैसे रोड को नापने के लिए किलोमीटर कपड़े को नापने के लिए मीटर दूध को नापने के लिए लिटर आलू इत्यादि को नापने के लिए किलो। इसी प्रकार से संगीत की हर रचना को नापने के लिए ताल का प्रयोग किया जाता है। जिस प्रकार से अलग-अलग नाप के एक ही संज्ञा के अलग-अलग नापन होते हैं उसी प्रकार से संगीत में भी नापने का जो कार्य है ताल करती है, तो तालें भी अनेकों प्रकार की होती हैं जैसे 6 मात्रा की दादरा ताल, सात मात्रा की रूपक, ताल 8 मात्रा की कहरवा ताल, 10 मात्रा की झप ताल, 12 मात्रा की एक ताल, 14 मात्रा की दीपचंदी ताल, व 16 मात्रा तीन ताल।

ऐसे तो अनेकों ताले गुरुजनों द्वारा निर्मित हैं परंतु कोई साधारण साधक प्रारंभ में अगर तालों की जानकारी चाहता है तो इन तालों में प्राय बहुचर्चित फिल्मी संगीत के माध्यम से इन तालों को पहचानने का प्रयत्न कर सकता है और यदि निकटवर्ती कोई गुंणीजन है तो सास्त्रोत्र भी इन्हें जानने का प्रयास कर सकता है। अंत में उन्होंने कहा कि सफलतम संगीतकार बनने के लिए हर साधक को अपने विषय की साधना के साथ-साथ तालों की जानकारी और उनमें ज्ञानी जनों द्वारा निर्मित लयकारी की जानकारी के अनुसार अभ्यास करते हैं तो निसंदेह सफल संगीतकार बनने की ओर अग्रसर होते रहेंगे।

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