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60 दिवसीय नहरबंदी के लिए बनाएं रणनीति

संभागीय आयुक्त डॉ राजेश शर्मा ने आगामी नहरबंदी हेतु पेयजल प्रबंधन सहित जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक ली

जोधपुर,आगामी 15 मार्च से इंदिरा गांधी मुख्य नहर (आईजीएनपी) में 60 दिवसीय नहरबंदी प्रस्तावित है जिसके संदर्भ में संभागीय आयुक्त डॉ शर्मा ने जल संसाधन व पीएचइडी के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आगामी नहर बंदी के लिए आपसी समन्वय स्थापित कर उचित प्रबंधन के दिशा निर्देश दिए।

संभागीय आयुक्त ने कहा कि आगामी नहर बंदी के दौरान गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए संभाग के सभी जिलों में पेयजल आपूर्ति सुचारू बनी रहे इसके लिए संबंधित विभागों को कुशल प्रबंधन का उदाहरण देते हुए आपसी समन्वय से कार्ययोजना बनानी होगी। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों द्वारा पेयजल परिवहन, विद्यालयों व आंगनवाड़ी जहां पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में प्रगति व प्लान के बारे में जाना। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से प्रस्तावित नहर बंदी के दौरान पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में जिलेवार संसाधनों व विभाग द्वारा व्यापक व्यवस्थाओं पर विस्तृत जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग व पीएचइडी द्वारा नहरबंदी कार्यक्रम कैलेंडर के अनुसार संपूर्ण संभाग में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ग्रामीण स्तर पर भी पानी की छीजत रोकने की योजना बनाकर उसे सुनियोजित व सामूहिक रूप से लागू किया जाए। उन्होंने पीएचईडी अधीक्षण अभियंता नक्षत्र सिंह चारण को आगामी 60 दिन के नहर क्लोजर के दौरान उपयुक्त व्यवस्थाएं कर निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य अभियंता आईजीएनपी प्रदीप रस्तोगी ने संभागीय आयुक्त को बताया कि क्लोजर कार्यक्रम के दौरान (01-30. दिन) 2000 क्यूरोक पानी उपलब्ध रहेगा तथा 31 से 60 दिन पूर्ण बन्दी रहेगी एवं नहर में 20 दिन जल आपूर्ति हेतु पानी पोण्डिग द्वारा मुख्य नहर की बुर्जी संख्या 415 से 11215 के मध्य संमत कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि नहरबंदी के अंतिम 10 दिवस एवं उसके पश्चात 5 दिवस तक कुल 15 दिन की अवधि में राजीव गांधी लिफ्ट नहर को पानी मिलना बंद हो जायेगा।

अतः जोधपुर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रिलायों में जल संग्रहण का काम किया जा रहा है,जिसका उपयोग नही किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जल भण्डारण हेतु शहरी ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमशः 10 दिवस, 7 दिवस के अन्तराल में शट-डाउन लिए जा रहा है। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2022 तक जोधपुर शहर स्थित कायलाना, तख्त सागर व सूरपुरा में 332 एमसीएफटी एवं 597 एल जल संग्रहित किया जा चुका है, इस तरह जोधपुर के 1430 गावों के अन्य कस्बों हेतु विभिन्न जगह पर बनी 12 डिग्गीयों को भी नहरबंदी से पूर्व भरना चालू कर दिया है इनमें भी 15 दिनों हेतु पानी संग्रहित किया जा रहा जिसमे से 4 डिग्गियों में प्रस्तावित संग्रह कर लिया गया है तथा 8 में संग्रहण कया जा रहा है।

अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने संभागीय आयुक्त को बताया कि 5 मई 2022 से 15 / 2022 (संभावित) के पश्चात् पुनः पानी उपलब्ध होने तक जलदाय विभाग द्वारा विभिन्न जलाशयों में संग्रहित पानी से जलापूर्ति की जायेगी इसके साथ ही नहर बंदी के दौरान इंदिरा गांधी नहर के बूर्जी 415 से 1121.5 के मध्य संग्रहित पानी की चोरी रोकने के लिऐ प्रशासन व पुलिस स्तर पर समुचित रूप से माॅनिटरिंग व पेट्रोलिंग की जानी आवश्क है।

अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीएचईडी विनोद भारती ने संभागीय आयुक्त को बताया कि क्लोजर के दौरान पाली जिले में जवाई बांध के अलावा जलापूर्ति के लिए कुड़ी से रोहट तक पाईपलाईन का कार्य आगामी 45 दिनों में पूर्ण हो जायेगा। जिससे आवश्यकता पड़ने पर जोधपुर द्वारा पाली की जालपूर्ति की जा सकेगी। संबंधित अधिकारियों ने संभागीय आयुक्त को संभाग के सभी जिलों में नहरबंदी के दौरान निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करवाने के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं और व्यापक प्लानिंग से अवगत कराया। डाॅ शर्मा ने पीएचईडी को सभी वैकल्पिक संसाधनों से संबंधित एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी क्लोजर के दौरान ट्रेन ट्रांसपोर्टेशन व पाईपलाईन से होने वाली जलापूर्ति का भी विस्तृत एक्शन प्लान बनाएं।

नहर बंदी के दौरान चोरी प्रकरणों पर रहे नजर

संभागीय आयुक्त डॉ राजेश शर्मा ने नहर बंदी के दौरान होने वाले चोरी के प्रकरणों पर अंकुश लगाने के लिए बैठक में उपस्थित संबंधित अधिकारियों को उचित रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस दौरान संबंधित अधिकारी सतर्कता दल गठित कर चोरी के प्रकरणों पर नियमित रूप से माॅनिटरिंग व पेट्रोलिंग कर ऐसे प्रकरणों की रोकथाम सुनिश्चित करें।

बजट घोषणाओं के स्वीकृति में आ रही समस्याओं का लिया संज्ञान

संभागीय आयुक्त ने बैठक में सभी अधिकारियों से उनके विभागों से संबंधित बजट घोषणाओं के स्वीकृति में आ रही समस्याओं का संज्ञान लिया। सभी अधिकारियों को बजट घोषणाओं की क्रिया देती रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए ताकि उस पर उचित कार्यवाही की जा सके।

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