जोधपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बाड़मेर मे रोजगार कार्यालय के कनिष्ठ सहायक को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उसने यह रिश्वत राशि एक युवक का बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत करने की एवज में ली थी।
एसीबी के डीआईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि चौहटन तहसील में लीलसर निवासी नेमाराम ने शिकायत दी थी कि उसने मार्च में बेरोजगारी भत्ता स्वीकृति हेतु ऑनलाइन आवेदन किया था। उसके बाद वह रोजगार कार्यालय बाड़मेर गया तो वहां पर कनिष्ठ सहायक सुधीर वर्मा मिले।
उन्होंने बेरोजगार भत्ते को स्वीकृत करवाने हेतु तीन हजार रुपए रिश्वत की मांग की। उस समय उससे एक हजार रुपए प्राप्त कर लिए। उसके बाद आरोपी सुधीर वर्मा अपने गांव नवलगढ़ गया हुआ था तब उसने फोन कर तीन हजार रुपए और मांगे। रुपए नहीं देने पर फार्म कैंसिल करने की धमकी दी। एसीबी ने इस शिकायत का सत्यापन करवाया तो वह सही निकली।
सत्यापन के दौरान परिवादी ने आरोपी को दो हजार रुपए फोन पे किए। साथ ही एक हजार रुपए बाड़मेर पहुंचने पर देने को कहा। इस पर आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामनिवास के नेतृत्व में ट्रैप का आयोजन किया गया।
परिवादी को एक हजार रुपए देकर आरोपी के कार्यालय भेजा गया जहा से आरोपी परिवादी को कार में बैठाकर पुलिस लाइन बाड़मेर के सामने स्थित शराब की दुकान पर ले गया एवं शराब खरीदी। ब्यूरो दल भी उसके पीछे-पीछे उक्त स्थान पर गया। उसके बाद परिवादी से रिश्वत राशि लेकर पहने हुए शर्ट की बायीं जेब में रखी, जिस पर गोपनीय इशारा होने पर आरोपी सुधीर वर्मा को पकड़ लिया। उससे रिश्वत की एक हजार रुपए की राशि बरामद कर ली गई है।

इधर फरार पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज, होगी गिरफ्तारी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) शीघ्र ही जालोर जिले के सायला तहसील के रेवतड़ा के भ्रष्ट पटवारी पर शिकंजा कसेगा। इस वर्ष फरवरी में ट्रैप की भनक लगने पर पटवारी महेन्द्र सोनी पकड़े जाने से एन पहले भाग निकला था। अब एसीबी ने उसके खिलाफ परिवाद दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शीघ्र ही पटवारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसीबी के डीआईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि इस वर्ष 23 फरवरी को जुठाराम भील ने परिवाद दर्ज कराया था कि उसका नामान्तरण खोलने के लिए पटवारी महेन्द्र सोनी 13 हजार रुपए की मांग कर रहा है। उसी दिन शिकायत का सत्यापन करने के दौरान पटवारी ने जुठाराम से तीन हजार रुपए ले लिए।
इसके दो दिन बाद एसीबी ने ट्रैप का आयोजन कर जुठाराम को रिश्वत के शेष दस हजार रुपए के साथ पटवारी को देने के लिए भेजा। शातिर पटवारी को एसीबी के बिछाए झाल की भनक लग गई और वह रिश्वत लिए बगैर मौके से भाग निकला।

ऐसे में पटवारी को रंगे हाथों पकडऩे की एसीबी की योजना धरी रह गई। इसके बाद पटवारी से जुड़े मामले को मुख्यालय जयपुर भेजा गया। अब उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जालोर के निरीक्षक राजेन्द्र सिंह को सौंपी गई है। मामला दर्ज होने के बाद अब पटवारी को गिरफ्तार कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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