जॉर्डन:स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर प्रांत का विचार वर्ग सम्पन्न
जॉर्डन/जोधपुर(डीडीन्यूज),जॉर्डन: स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर प्रांत का विचार वर्ग सम्पन्न। स्वदेशी जागरण मंच तथा स्वावलंबी भारत अभियान का दो दिवसीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला का समापन जॉर्डन, पाली स्थित ओम विश्वदीप गुरुकुल आश्रम में रविवार को संपन्न हुआ।
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स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह प्रचार प्रमुख राधेश्याम बंसल ने बताया कि समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व पाली विधायक एवं समाजसेवी ज्ञानचंद पारख, विशिष्ट अतिथि आरएसएस के प्रांत कार्यवाह खेमाराम,अध्यक्ष पाली जिला संघचालक नेमीचंद तथा मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय कृषि प्रकोष्ठ के भागीरथ चौधरी तथा स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख डॉ.राजकुमार चतुर्वेदी थे।
पूर्व विधायक और समाजसेवी ज्ञानचंद पारख ने कहा की स्वदेशी को अपना कर हम आर्थिक गुलामी से आजादी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आज व्यक्ति अपने परंपरागत उद्यमों को छोड़ता जा रहा है इसी के कारण युवाओं में बेरोजगारी है और साथ में इससे सनातन संस्कृति का पतन भी हो रहा है। उन्होंने स्वदेशी के साथ स्वधर्मी श्रम से उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के उपयोग पर बल दिया।
मंच के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख डॉ राजकुमार चतुर्वेदी ने दो दिवसीय विचार वर्ग को सफल बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार-स्वदेशी परिवार के मंत्र को अपना कर हम भारत के भविष्य को गौरवशाली बना सकते हैं और भारत की संस्कृति व परिवाररुपी संस्था को बचा सकते हैं।
आरएसएस के जिला संचालक नेमाराम ने कहा कि हम सब एक उद्देश्य और कार्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हिंदुत्व एक विचार है और यह सभी अन्य विचारों को समाहित करने की क्षमता रखता है। समाज के सभी अंगों को हिंदुत्व के विचार को अपनाने की आवश्यकता है, जिससे देश आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सके। समापन सत्र को मंच के राष्ट्रीय कृषि प्रकोष्ठ के भागीरथ चौधरी ने भी संबोधित किया।
मंच के प्रांत प्रचार प्रमुख मिथिलेश झा ने बताया कि इसके पूर्व आयोजित सत्रों में क्षेत्रीय विचार प्रमुख अनिल वर्मा ने कहा कि देश के स्वाभिमान को जगाने और वर्तमान परिस्थितियों में आत्मनिर्भर बनाने हेतु स्वालंबी भारत अभियान की शुरुआत देशभर के सभी जिलों और गांव में शुरू की गई।
काजरी के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ डी कुमार ने बताया कि किस प्रकार किसान नई तकनीक से कृषि उत्पादन और रोजगार को बढ़ाया जा सकता है। कृषि संस्कृति से ही भोजन संस्कृति,स्वास्थ्य संस्कृति, सामाजिक संस्कृति व शिक्षा संस्कृति का विकास हुआ। कृषि के कारण ही शहरीकरण संस्कृति का विकास हुआ। आज गांव का युवा समझदार और ताकतवर है। युवाओं को कृषि और खेल गतिविधियों से जोड़ने की आवश्यकता है।
विचार वर्ग के प्रबंध प्रमुख प्रवीण त्रिवेदी ने बताया कि इन दो दिवसीय विचार वर्ग और कार्यशाला में जोधपुर प्रांत के अंतर्गत आने वाले 13 जिलों के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने अपनी भागीदारी प्रदान की। सम वैचारिक संगठनों ने भी अपना सहयोग प्रदान किया।
उन्होंने विचार वर्ग को सफल बनाने में नारायण सिंह राजपुरोहित,घनश्याम वैष्णव, सुभाष राजपुरोहित,लक्ष्मी नारायण खत्री,दीपेंद्र,रामनिवास,चंदन सिंह राजपुरोहित,राजीव शर्मा,जगदीश देवासी और सोजत से नितिन को सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।मंच के प्रांत संयोजक प्रमोद पालीवाल ने प्रांत में संगठन के नए दायित्वों की घोषणाएं कीं। समापन सत्र का संचालन जोधपुर विचार प्रमुख डॉ महेश श्रीमाली ने किया।