जोधपुर: वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान में जिले ने की जन भागीदारी की मिसाल पेश
- जनभागीदारी से जल संकट से निपटने की दिशा में उठाया ठोस कदम
- ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 3241 गतिविधियों में 2 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी
जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान में जिले ने की जन भागीदारी की मिसाल पेश।जल संरक्षण को लेकर चल रहे वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जोधपुर जिले में जल जागरूकता की भागीदारी की मिसाल पेश की गई है। इस क्रम में वंदे गंगा,हर बूंद की जिम्मेदारी, जोधपुर से जल संरक्षण की जन क्रांति विषय पर मारवाड़ इंटरनेशनल सभागार में एक मीडिया राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें मीडिया प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने सहभागिता की।
कॉन्फ्रेंस के विशिष्ट अतिथि जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी गणपत सुथार थे। कार्यक्रम में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी कामिनी सोनगरा,पीआईबी के मीडिया एंड कम्युनिकेशन ऑफिसर आशीष वर्मा और डबल्यूआरडी के अधिशासी अभियंता भगवान सिंह जैतावत ने भी भाग लिया।
गणपत सुथार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो जल संरचनाएं बनाई थीं वे आज भी उपयोगी हैं। हमें उनका संरक्षण करना होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार यह अभियान आमजन को प्रेरित करने और परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण हेतु संचालित किया जा रहा है,जिसमें मीडिया की भागीदारी अहम है।कामिनी सोनगरा ने कहा कि मरुस्थलीय क्षेत्र के लोग जल के मूल्य को भली-भांति समझते हैं। जल की हर बूंद को बचाना हम सबका कर्तव्य है। यह अभियान उसी दिशा में सशक्त पहल है।
आशीष वर्मा ने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। मीडिया इस दिशा में अपनी भूमिका निभा रहा है और इसे और विस्तार देना होगा। सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी आकांक्षा पालावत ने अभियान की 15 दिवसीय गतिविधियों की जानकारी साझा करते हुए मीडिया से अनुरोध किया कि वे इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाकर इसे जनांदोलन में बदलने में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाएं।
सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रशांत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर यह अभियान न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। कॉन्फ्रेंस में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों ने सुझाव रखते हुए कहा कि जोधपुर के कुएं,तालाब, बावड़ियाँ और तलाईयाँ यहां की सांस्कृतिक धरोहर हैं। इनके संरक्षण,अतिक्रमण मुक्ति और सौंदर्यकरण के माध्यम से न केवल जल संरक्षण बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है।
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आंकड़ों में जोधपुर की उपलब्धि
गणपत सुथार ने बताया कि 5 से 20 जून 2025 तक जिले में कुल 3241 गतिविधियां आयोजित की गईं,जिनमें 204367 लोगों ने भाग लिया। ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विभागों द्वारा 3193 गतिविधियों में 1,99,594 लोगों ने भाग लिया, जबकि शहरी क्षेत्रों (भोपालगढ़, बिलाड़ा,जोधपुर दक्षिण,जोधपुर उत्तर एवं पीपाड़ सिटी) में 48 गतिविधियों में 4773 लोगों की सहभागिता रही।
मुख्य बिंदु
-जोधपुर जिले में 50 से अधिक पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार
-स्कूलों और ग्राम सभाओं में जन-जागरूकता अभियान
-वृक्षारोपण और हरियाली को बढ़ावा देने की गतिविधियाँ
-मीडिया को ‘जल योद्धा’ के रूप में रेखांकित किया गया
-कार्यक्रम में सभी मीडिया प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण का संकल्प लिया
कार्यक्रम का संचालन सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रशांत सिंह ने किया। समापन पर जल संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप देने का आह्वान किया गया, ताकि हर बूंद की जिम्मेदारी को व्यवहार में लाकर जोधपुर को जल-समृद्ध,स्वच्छ और पर्यावरण- संतुलित क्षेत्र बनाया जा सके।