जोधपुर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मॉनिटर बाल कृष्ण गोयल ने ली उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक
- मानवाधिकार संरक्षण पर व्यापक मंथन
- शिकायत तंत्र का सरलीकरण एवं बालिकाओं की सुरक्षा-पोषण पर दिए विशेष निर्देश
जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मॉनिटर बाल कृष्ण गोयल ने ली उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के मॉनिटर बाल कृष्ण गोयल ने जोधपुर प्रवास के दौरान सोमवार को मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आयोग तक जिलों से अपेक्षित संख्या में शिकायतें नहीं पहुँच पा रही हैं,जिसका मुख्य कारण लोगों में शिकायत तंत्र की जानकारी का अभाव है। इसी उद्देश्य से यह बैठक आयोजित की गई, ताकि ज़िलाधिकारियों को मानव अधिकारों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील किया जा सके और एक सक्रिय शिकायत प्रणाली विकसित की जा सके।
गोयल ने कहा कि आमजन को यह समझना बेहद जरूरी है कि मानवाधिकार आयोग उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत है,किंतु जागरूकता के अभाव में आयोग तक आवाज़ ही नहीं पहुँच पाती। उन्होंने कहा कि आयोग की ऑनलाइन शिकायत पद्धति पूर्णतः निःशुल्क और पारदर्शी है। कोई भी नागरिक आयोग की वेबसाइट https://www.hrcnet.nic.in पर जाकर राज्य अथवा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को चुनते हुए अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता और शिकायतकर्ता की पहचान एवं शिकायत की प्रक्रिया पूर्ण रूप से सुरक्षित व पारदर्शी रहती है।
उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक ज़िले में मानव अधिकार शिकायत सहायता डेस्क की स्थापना की जाए और ब्लॉक स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। बैठक के दौरान गोयल ने शिक्षा,स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे मूलभूत क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कई निर्देश जारी किए। उन्होंने प्रारंभिक बाल्यकाल शिक्षा (Early Childhood Care and Education) की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ज़ोर दिया और आंगनवाड़ी केन्द्रों को अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए।
बालिका शिक्षा को सुरक्षित और गरिमामय बनाने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रत्येक बालिका विद्यालय में फर्स्ट एड बॉक्स के साथ-साथ सैनिटरी पैड्स की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मिड-डे मील की गुणवत्ता और पोषण स्तर की नियमित जांच की भी बात कही।
केंद्रीय कारागृह की चिकित्सा सेवाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि कारागृह में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएं। इसके अतिरिक्त,पुलिस प्रशासन को रात्रिकालीन गश्त प्रणाली को सुदृढ़ करने के निर्देश भी प्रदान किए, जिससे नागरिकों की सुरक्षा को और प्रभावशाली बनाया जा सके।
मानवाधिकार आयोग द्वारा संचालित शैक्षणिक प्रयासों का उल्लेख करते हुए गोयल ने बताया कि आयोग के पास प्रतिवर्ष लगभग 15,000 आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनमें से लगभग 80 विद्यार्थियों को “ह्यूमन राइट्स डिफेंडर” के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में मानवाधिकार पाठ्यक्रमों के विस्तार,NSS/NCC जैसी संस्थाओं के साथ मानव अधिकार क्लब की स्थापना तथा प्रशासनिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मानवाधिकार आधारित मॉड्यूल को अनिवार्य करने की आवश्यकता जताई।
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बैठक के समापन पर गोयल ने कहा कि मानवाधिकारों के प्रति संवेदन शीलता ही सशक्त लोकतंत्र की नींव है। जब तक हर नागरिक को उसके अधिकारों और आयोग की शिकायत व्यवस्था की जानकारी नहीं होगी,तब तक हम वास्तविक परिवर्तन की उम्मीद नहीं कर सकते। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे प्रशासनिक कार्यों में मानवीय दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और नागरिकों को अधिकारों के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करें। इस दौरान जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल,नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ पालानीचामी,जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार मिश्रा सहित समस्त उच्च स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
