जोधपुर: दुर्लभ रोग Aorto pulmonary window से ग्रसित बच्ची का बिना चिरा ऑपरेशन से किया इलाज
- मथुरा दास माथुर अस्पताल के हृदय रोग विभाग में हुआ इलाज
जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: दुर्लभ रोग से ग्रसित बच्ची का बिना चिरा ऑपरेशन से किया इलाज। जोधपुर निवासी 2.5 वर्षीय बच्ची बार-बार निमोनिया संक्रमण से ग्रसित हो रही थी। 2.5 साल में भी इसका वजन मात्र 8 किलो था तथा बच्ची कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में जा रही थी। यहाँ तक की नार्मल खाने पीने में भी उसकी सांस भरने लगती थी।
इस अवस्था में बच्ची को मथुरा दास माथुर अस्पताल के हृदय रोग विभाग में दिखाया गया जहाँ उसे एक दुर्लभ बीमारी Aorto pulmonary window (AP Window)से ग्रसित पाया गया। AP Window एक तरह का छेद है जो aorta artery और pulmonary artery के बीच में बन जाता है,जिससे खून की मिक्सिंग होने लगती है और हृदय पर दबाव पड़ता है।
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AP Window एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है,बच्चों में होने वाले जन्म जात हृदय रोगों में केवल 0.2% बच्चों में एपी विंडो मिलता है और उसमे भी अधिकतर बच्चों में AP Window अन्य हृदय विकारों के साथ पाया जाता है। सामान्यतया एपी विंडो के इलाज के लिए पहले वर्ष में ही ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है।यहाँ पर इस मरीज को भर्ती कर इको,सीटी स्कैन इत्यादि कर ये पाया गया कि इस मरीज में एपी विंडो के साथ अन्य कोई विकार नहीं था।
पूरी तरह से जांच करने के बाद विभागाध्यक्ष डॉ रोहित माथुर ने इस मरीज का इलाज ऑपरेशन के बजाय छतरी लगा कर डिवाइस क्लोजर से करने का निर्णय लिया। शुक्रवार को ये डिवाइस क्लोजर किया गया। संभतः यह प्रक्रिया राजस्थान में पहली बार एमडीएम अस्पताल में हुई।
रविवार को मरीज को स्वस्थ अवस्था में डिस्चार्ज कर दिया गया।
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डिवाइस क्लोजर प्रोसीजर को हृदय रोग विभाग के आचार्य डॉ रोहित माथुर, सहायक आचार्य डॉ अनिल बारूपाल, सहायक आचार्य डॉ युद्धवीर सिंह तथा मेडिकल ऑफिसर डॉ प्रदीप द्वारा एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के डॉ नीरज अवस्थी की देख रेख में किया गया। निश्चेतना के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कर्णावत और डॉ भरत के सहयोग से इतनी छोटी बच्ची में निश्चेतना दी गई।
हृदय रोग विभाग के योगेश,विजय लक्ष्मी,राकेश,देवराज,नवीन, शंकर, सिमिला,जितेंद्र,रणवीर आदि नर्सिंग ऑफिसर तथा टेक्निशियन ने डिवाइस क्लोजर में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मथुरा दास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित तथा डॉ संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ बीएस जोधा ने पूरी टीम को बधाई देते हुए बताया कि इस तरह के सभी उन्नत,जटिल तथा दुर्लभ प्रोसीजर कर के मथुरा दास माथुर अस्पताल का हृदय रोग विभाग एक उत्कृष्ट केंद्र बन चुका है। ये पूरा प्रोसीजर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत किया गया,जिसमे मरीज के परिजनों को कोई खर्च नहीं करना पड़ा।