आईआईटी शोधकर्ताओं ने विकसित किया शुद्ध पेयजल के लिए कम लागत का उपकरण

जोधपुर(डीडीन्यूज),आईआईटी शोधकर्ताओं ने विकसित किया शुद्ध पेयजल के लिए कम लागत का उपकरण। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में सुरक्षित और सुलभ पेयजल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ.महेश कुमार और उनकी टीम ने जल स्रोतों में आर्सेनिक प्रदूषण का मौके पर ही पता लगाने के लिए कम लागत का महत्वपूर्ण उपकरण विकसित किया है। यह सफलता सबसे गंभीर वैश्विक पर्यावरणीय और स्वास्थ्य चुनौतियों का मुकाबला करने में से एक है।

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भूजल में आर्सेनिक विषाक्तता सूक्ष्म स्तरों पर भी जानलेवा बीमारियों का कारण बनती है इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पीने के पानी में आर्सेनिक प्रदूषण का मौके पर ही पता लगाने के लिए कम लागत वाला एक नया मोबाइल सेंसर विकसित किया है,जिसके अंतर्गत सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक को कम करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।
उपयोगिता और पहुंच के लिए डिज़ाइन किए गए इस उपकरण को जटिल प्रयोगशाला बुनियादी ढांचे या कुशल कर्मियों की आवश्यकता नहीं है और इसे सीधे क्षेत्र में संचालित किया जा सकता है।

आईओपी पब्लिशिंग के जर्नल नैनोटेक्नोलॉजी में प्रकाशित लेख के अनुसार इस नए उपकरण को पानी की गुणवत्ता की वास्तविक समय की निगरानी के लिए सक्षम बनाता है, विशेष रूप से दूरदराज और कम आय वाले क्षेत्रों में। भारत के विभिन्न भागों और विश्वस्तर पर व्याप्त आर्सेनिक संदूषण,त्वचा के घावों, कैंसर और हृदय संबंधी समस्याओं सहित गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों का कारण बनता है। यहाँ तक कि बहुत कम जोखिम विभिन्न स्तरों पर भी।

अनुमान है कि हर साल 43,000 मौतें दीर्घकालिक आर्सेनिक विषाक्तता से जुड़ी होती हैं।स्पेक्ट्रोस्कोपी और इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसिंग जैसी पारंपरिक पहचान तकनीकें अक्सर महंगी होती हैं और परिष्कृत प्रयोगशाला सेटअप पर बहुत अधिक निर्भर करती हैं, जिससे उन्हें व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल करना अव्यावहारिक हो जाता है। इसके विपरीत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में विकसित सेंसर मात्र 3.2 सेकंड के प्रभावशाली प्रतिक्रिया समय के साथ 0.90 पार्ट्स प्रति बिलियन (पीपीबी) जितनी कम आर्सेनिक सांद्रता का पता लगा सकता है।

इसके अध्ययन के अनुसार महेश कुमार ने कहा हमारा उद्देश्य एक ऐसा समाधान तैयार करना था जो वैज्ञानिक सटीकता और जमीनी स्तर पर उपयोगिता को जोड़ता हो। सेंसर को सर्किट बोर्ड और एक आरडुईनो मॉड्यूल के साथ एकीकृत करके, हमने वास्तविक समय में पता लगाने के लिए एक कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल टूल बनाया है।

हम इस नवाचार की कल्पना करते हैं जिससे समुदायों को सुरक्षित पानी तक पहुँच प्राप्त करने और आर्सेनिक के संपर्क से उत्पन्न होने वाली जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थितियों को रोकने में मदद मिलेगी। इस नवाचार से जल गुणवत्ता मूल्यांकन में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की उम्मीद है तथा यह सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी कार्यक्रमों में मापनीयता और सामर्थ्य प्रदान करेगा।