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भंवरीदेवी अपहरण एवं हत्याकांड

जोधपुर, एएनएम भंवरीदेवी अपहरण एवं हत्याकांड में मंगलवार को मास्टर माइंड इंद्रा विश्रोई की जमानज याचिका पर सुनवाई अधूरी रही। अब इसकी सुनवाई 14 सितंबर को हो पाएगी। फिलहाल इंद्रा विश्रोई जेल में ही है। प्रकरण में अब तक 16 लोगों को जमानत मिल चुकी है। जिसमें पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, पूर्व विधायक मलखान विश्रोई भी शामिल हैं।

बता दें कि पूर्व विधायक मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा विश्रोई की तरफ से ट्रायल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने जमानत याचिका पर सुनवाई की। सीबीआई की तरफ से उनके वकील एजाज खान ने इंद्रा को जमानत दिए जाने का जोरदार विरोध किया। उनका तर्क था कि इंद्रा इस षडय़ंत्र में शामिल थी। वह लंबे अरसे तक फरार रह चुकी है। उसे पकड़ऩे के लिए पांच लाख रुपए तक का इनाम घोषित करना पड़ा। इसकी सम्पत्ति तक अटैच करनी पड़ गई। इसके दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इंद्रा के मकान की नीलामी में कोई खरादीर तक सामने नहीं आया। ऐसे में इससे जुड़े कागजात पेश करने को कुछ समय देने का उन्होंने आग्रह किया।

न्यायाधीश दिनेश मेहता ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई तिथि 14 सितम्बर तय कर दी। इससे साफ हो गया कि इंद्रा को जेल से बाहर आने के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। उल्लेखनीय है कि इस मामले में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा के भाई परसराम की जमानत स्वीकार की। उसे जमानत मिलने के आधार पर अन्य आरोपियों को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। अब सिर्फ इंद्रा ही जेल में है।

सीबीआई का है यह मानना

प्रकरण की जांच एजेंसी सीबीआई का मानना है कि इंद्रा इस केस की मास्टर माइंड थी। वह अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए भंवरी के साथ मिलकर परिवार को धोखा दे रही थी। उधर, ये भी सामने आया कि भंवरी की मौत में उसका सबसे बड़ा हाथ था। भंवरी मामले के बाद इंद्रा ने साढ़े पांच साल तक नर्मदा के तट पर गुमनाम जीवनयापन कर फरारी काटी थी। पांच लाख रुपए की इनामी इंद्रा बहुत मुश्किल से पकड़ में आई थी। वह साल 2017 में पकड़ी गई थी। उसके बाद से ही वह जोधपुर केंद्रीय कारागार में बंद है।

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