कैलाश मांजू के जेल जाने के बाद दिया गया प्री प्लान को अंजाम

जोधपुर, शहर के डालीबाई चौराहा के पास में शिवरात्रि पर दिन के समय हिस्ट्रीशीटर विक्रमसिंह नांदिया पर हुई फायरिंग की योजना हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू के पैरोल अवधि पर बनाई गई थी। जब वह जेल में पुन: चला गया तो वारदात को प्री प्लान के अनुसार राकेश मांजू और अन्य ने हमला किया।

हमले से पहले राकेश मांजू ने नांदिया के समीप आकर इतना ही बोला कि कैलाश मांजू। फिर कार से दो तीन युवक उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर डाली। पुलिस ने घटनाक्रम में लिप्त दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। मगर मुख्य आरोपी राकेश मांजू अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इसकी तलाश में पुलिस की टीमें अब भी बाहर ही डेरा डाले हुए है।

एसीपी प्रतापनगर नीरज शर्मा ने बताया कि साजिश में लिप्त लोहावट थानान्तर्गत सामराऊ के भीमसागर निवासी ओमप्रकाश पुत्र किशनाराम बिश्नोई व सूरसागर में व्यापारियों का मोहल्ला निवासी आदिल पुत्र सिद्दीकी मेहर को गिरफ्तार किया गया। थानाधिकारी लिखमाराम, मूलसिंह व एसआइ सरजिल मलिक अन्य आरोपियों की तलाश कर रहे हैं।

अन्य सहयोगियों के मिले सुराग

शिवरात्रि पर 11 मार्च को हमले के बाद राकेश मांजू व उसके तीन साथी घनश्याम मेघवाल की कार में भागे थे। पुलिस ने पंजीयन नम्बर से कार मालिक का पता लगाया तो वह युवक के जीजा के नाम निकली। कार मालिक होने से वह भी संदेह के दायरे में आ गया। उससे घनश्याम के बारे पूछताछ कर रही है।

उधर, हमले की साजिश में शामिल होने के चलते पकड़ में आए युवकों से पूछताछ में सामने आया है कि राकेश मांजू के जेल में बंद होने के दौरान वे लगातार उससे मोबाइल पर सम्पर्क में थे।